Jharkhand News: झारखंड में बार में भी नहीं मिल रही ब्रांडेड शराब, किल्लत झेल रहे संचालक
झारखंड में ब्रांडेड शराब की आपूर्ति दो महीने से बाधित है जिससे राज्य भर में किल्लत है। शराब कंपनियों का दावा है कि जेएसबीसीएल पर उनका 500 करोड़ बकाया है इसलिए आपूर्ति रोक दी गई है। खुदरा दुकानों में हैंडओवर के कारण दुकानें बंद हैं जिससे बार संचालकों को भी शराब नहीं मिल रही। पुराने स्टॉक पर निर्भर बार संचालक परेशान हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में ब्रांडेड शराब की आपूर्ति पिछले दो महीनों से ठप है, जिससे राज्यभर में किल्लत बनी हुई है। शराब कंपनियों का आरोप है कि झारखंड स्टेट बेवरेजेस कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) पर उनका करीब 500 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसके चलते उन्होंने आपूर्ति रोक दी है।
इसके अलावा, पिछले एक सप्ताह से शराब की खुदरा दुकानों में हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया के कारण दुकानें बंद हैं, जिससे बार संचालकों को भी शराब नहीं मिल रही। प्रमुख ब्रांड्स की भारी कमी है। पुराने स्टाक पर निर्भर बार संचालक परेशान हैं और नई आपूर्ति करीब दस दिनों से बंद है।
बार संचालकों का कहना है कि वे सालाना शुल्क और सिक्योरिटी मनी जमा करते हैं। नगर निगम क्षेत्र में नौ लाख और बाहर छह लाख रुपये का शुल्क देना पड़ता है, चाहे बिक्री हो या नहीं। इस स्थिति में बिक्री प्रभावित होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है।
जेएसबीसीएल के गोदाम में जल्द नई आपूर्ति की उम्मीद है। महाप्रबंधक वित्त का पद 21 मई से रिक्त था, जब तत्कालीन अधिकारी सुधीर दास को शराब घोटाले में गिरफ्तार किया गया था। अब प्रेम मेहरा को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
आयुक्त उत्पाद ने शराब कंपनियों को बकाया भुगतान का आश्वासन दिया है, और एक-दो दिन में भुगतान पूरा होने की उम्मीद है। कंपनियों को आपूर्ति शुरू करने को कहा गया है ताकि किल्लत दूर हो और राजस्व की भरपाई हो सके।
मई 2022 की उत्पाद नीति के तहत बार संचालकों को खुदरा दुकानों से ही शराब लेने का निर्देश है, पहले वे जेएसबीसीएल के गोदाम से लेते थे। राज्य में 243 लाइसेंसी बार हैं, जो मुख्य रूप से रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, और देवघर में हैं। खुदरा दुकानों के बंद होने से इनकी आपूर्ति प्रभावित है।
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