Jharkhand Politics: भाषा के नाम पर जनता को आपस में लड़ा रही हेमंत सरकार, BJP नेता ने जयराम महतो को भी घेरा
भाजपा प्रवक्ता अमित मंडल ने राज्य सरकार पर भाषा के नाम पर लोगों को लड़ाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार नहीं देना चाहती और झारखंड की मूल संस्कृति को खत्म करने की साजिश कर रही है। मंडल ने कुछ भाषाओं को हटाने के सरकार के फैसले का विरोध किया और आंदोलन की चेतावनी दी।

राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक अमित मंडल ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि राज्य सरकार भाषा के नाम पर लोगों को लड़वाने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देना नहीं चाहती है। मंडल ने कहा कि झारखंड की मूल संस्कृति, भाषाओं और जनजातीय पहचान को खत्म करने की साजिश राज्य सरकार कर रही है।
राज्य की स्थानीय भाषाओं को नजरअंदाज कर खूंटी से मुंडारी, पलामू-गढ़वा से भोजपुरी, गोड्डा से अंगिका जैसी भाषाओं को हटाया गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भाषा के विरोध में नहीं है। लेकिन अंगिका, भोजपुरी और मुंडारी जैसी भाषाओं को हटाने के इस कृत्य का पार्टी विरोध करती है।
जयराम महतो को भी घेरा
जेकेएलएम से सवाल पूछते हुए अमित मंडल ने कहा कि जब कुरमाली या कुड़माली भाषा को हटाया गया तो जयराम महतो की पार्टी चुप क्यों रही।
इसका मतलब साफ है कि इनका आंदोलन सिर्फ चुनावी लाभ और महागठबंधन को मदद पहुंचाने के लिए था। उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्री राधाकृष्ण किशोर और दीपिका पांडेय सिंह ने भोजपुरी और अंगिका को जोड़ने की बात कही थी, लेकिन कैबिनेट में इसे अनसुना कर दिया गया।
अमित मंडल ने कहा कि यदि भाषाओं के साथ यह अन्याय जारी रहा तो भाजपा और जनजातीय समाज मिलकर सड़क से लेकर विधानसभा तक जन आंदोलन चलाएंगे।
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