Jharkhand News: विशेष समिति की बैठक में नहीं आए अफसर, विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचा मामला
झारखंड विधानसभा में ओबी डंपिंग के मुद्दे पर हुई विशेष समिति की बैठक अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण बेनतीजा रही। सदस्यों ने इस पर नाराजगी जताई और अधिकारियों की उदासीनता को अस्वीकार्य बताया। समिति ने अगली बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की योजना बनाई है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा के पिछले बजट सत्र के दौरान धनबाद जिले के बलियापुर अंचल के सुरूंगा और झरिया के भौरा में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) क्षेत्र 10 एवं एटी देवप्रभा कंपनी द्वारा जबरन ओवरबर्डन (ओबी) डंपिंग के मामले पर विशेष समिति, प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण की महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को समिति कक्ष में आयोजित हुई।
हालांकि, विभागीय वरीय पदाधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण यह बैठक बेनतीजा रही, जिससे समिति के सदस्यों में तीव्र नाराजगी देखी गई।
बैठक का उद्देश्य सुरूंगा और भौरा में ओबी डंपिंग से उत्पन्न पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श करना था।
सदस्य चंद्रदेव महतो और अरूप चटर्जी द्वारा उठाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के आधार पर गठित इस समिति ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी और स्पष्टीकरण की अपेक्षा की थी। लेकिन सचिव स्तर के अधिकारियों के बैठक में शामिल नहीं होने से समिति का कार्य प्रभावित हुआ।
समिति के संयोजक मथुरा प्रसाद महतो ने इस स्थिति पर गहरी नाराजगी जताते हुए समिति शाखा को निर्देश दिया कि अधिकारियों की अनुपस्थिति की सूचना तत्काल अध्यक्ष, झारखंड विधानसभा और मुख्य सचिव, झारखंड सरकार को दी जाए।
उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है, जो स्थानीय जनता के हितों से जुड़ा है। अधिकारियों की उदासीनता अस्वीकार्य है।
बैठक में विशेष समिति के संयोजक मथुरा प्रसाद महतो के साथ-साथ सदस्य अरूप चटर्जी, राज सिन्हा, उमाकांत रजक और चंद्रदेव महतो उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त, झारखंड विधानसभा के संयुक्त सचिव रंजीत कुमार और उप सचिव अनूप लाल भी मौजूद रहे।
समिति ने ओबी डंपिंग के कारण प्रभावित क्षेत्रों में पर्यावरणीय क्षति, विस्थापन और स्थानीय समुदाय की आजीविका पर पड़ने वाले प्रभाव जैसे मुद्दों पर चर्चा की योजना बनाई थी, लेकिन अधिकारियों की गैर-मौजूदगी ने इस प्रक्रिया को अवरुद्ध कर दिया।
ओबी डंपिंग का मुद्दा और उसका महत्व
धनबाद जिले के बलियापुर और झरिया क्षेत्र में बीसीसीएल और निजी कंपनियों द्वारा ओबी डंपिंग का मुद्दा लंबे समय से विवादास्पद रहा है।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि बिना उचित अनुमति और पर्यावरणीय मंजूरी के डंपिंग कार्य किया जा रहा है, जिससे खेती की जमीन बंजर हो रही है, जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।
इस मामले को विधानसभा में उठाए जाने के बाद विशेष समिति का गठन किया गया था ताकि, प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का जायजा लिया जा सके और समाधान प्रस्तावित किए जाएं।
समिति के संयोजक मथुरा प्रसाद महतो ने आश्वासन दिया कि यह मामला यहीं नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में सभी संबंधित विभागों के वरीय अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
साथ ही समिति प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और स्थानीय लोगों से सीधे संवाद करने की योजना बना रही है। विधानसभा अध्यक्ष को इस मामले की गंभीरता से अवगत कराया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही की पुनरावृत्ति नहीं हो।
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