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    झारखंड का स्वास्थ्य मॉडल असम में लागू, बकाया राशि के नाम पर शव रोकने पर रोक

    By Pradeep singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 14 Jul 2025 08:58 AM (IST)

    झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा लागू किए गए मॉडल को असम सरकार ने भी अपनाया है जिसके तहत बकाया राशि के कारण शव को रोकने पर रोक लगाई गई है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की इस पहल का उद्देश्य गरीब परिवारों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार की सुविधा देना है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है।

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    झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा लागू किए गए मॉडल को असम सरकार ने भी अपनाया है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा लागू किए गए एक सफल मॉडल ने न केवल राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मानवीय संवेदनाओं से जोड़ा है, बल्कि इसे अब असम सरकार ने भी अपनाया है। इस मॉडल के तहत, मरीज की मृत्यु के बाद अस्पतालों द्वारा बकाया राशि के बहाने शव रोके रखने की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

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    राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की इस पहल को अपनाते हुए असम सरकार ने अपने राज्य में भी ऐसा ही आदेश जारी किया है। इस कदम को न केवल प्रशासनिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

    झारखंड में लंबे समय से अस्पतालों द्वारा बकाया राशि के बहाने शव रोके रखने की शिकायतें सामने आ रही थीं। आर्थिक तंगी के कारण कई परिवार अपने परिजनों के शवों को समय पर दाह संस्कार के लिए नहीं ले जा पाते थे, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाती थी।

    इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने जून में एक सख्त निर्देश जारी किया था, जिसमें सभी अस्पतालों को मृत्यु के बाद शव तुरंत परिजनों को सौंपने का आदेश दिया गया था। इस निर्णय का उद्देश्य गरीब और ज़रूरतमंद परिवारों को सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार की सुविधा प्रदान करना था।

    अस्पतालों में आदेश लागू

    इस नीति को लागू करने के लिए डॉ. इरफ़ान अंसारी ने न केवल अस्पताल संचालकों से बात की, बल्कि स्वयं कई बार अस्पतालों का दौरा भी किया और संचालकों को इसके लिए राजी किया। उनके इस कदम ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता को भी प्राथमिकता दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि यह निर्णय कांग्रेस की सेवा भावना और मानवीय संवेदनशीलता से प्रेरित है।

    हमारा उद्देश्य हर वर्ग को सम्मानजनक विदाई देना है। झारखंड के लिए यह गर्व की बात है कि अन्य राज्यों ने भी हमारी पहल को अपनाना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में हम अंतिम पायदान पर बैठे लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    झारखंड सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर निरंतर काम कर रही है, और इसका लक्ष्य जन कल्याण है। डॉ. अंसारी ने यह भी कहा कि यह उनके लिए संतोष और गर्व की बात है कि उनके द्वारा किए गए प्रयासों का अनुसरण अन्य राज्य भी कर रहे हैं।

    स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की रणनीति

    झारखंड सरकार ने हाल के वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों की सुविधाओं को बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

    स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने भी जनता दरबार जैसे आयोजनों के ज़रिए लोगों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने की कोशिश की है। हाल ही में उनके जनता दरबार में एक युवती ने अपने पिता के कैंसर के इलाज के लिए मदद मांगी थी, जिस पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई की।