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    झारखंड शराब घोटाला: ACB के सवालों पर निलंबित IAS बोले- अगर विभाग को लगता है मैंने घोटाला किया तो...

    Updated: Fri, 30 May 2025 08:51 PM (IST)

    रांची में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शराब घोटाला मामले में पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे को रिमांड पर लिया। उन पर दो प्लेसमेंट एजेंसियों को अवैध रूप से लाभ पहुंचाने का आरोप है जिससे सरकार को 38 करोड़ का नुकसान हुआ। चौबे ने आरोपों को नकारा और केंद्रीय जांच की मांग की। एसीबी ने फर्जी बैंक गारंटी और गजेंद्र सिंह के बयान पर भी उनसे सवाल किए।

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    एसीबी कर रही निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे से पूछताछ। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रहे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शुक्रवार की सुबह उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व प्रधान सचिव सह जेएसबीसीएल के पूर्व महाप्रबंधक विनय कुमार चौबे को रिमांड पर लिया।

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    उन्हें गुरुवार से ही रिमांड पर लिया जाना था, लेकिन मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट विलंब से मिलने के चलते एक दिन विलंब हुआ। एसीबी के अधिकारियों ने चौबे से नियम विरुद्ध जाकर दो प्लेसमेंट एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के मामले में सवाल किया और यह भी बताया कि इसके चलते सरकार को 38 करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचा।

    एसीबी के सूत्रों की मानें तो विनय कुमार चौबे ने पूरी मजबूती के साथ अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि अगर विभाग को लगता है कि उन्होंने घोटाला किया है तो विभाग इसकी केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच करवा ले।

    उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है। उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया जा रहा है। हालांकि, चौबे के जवाब से एसीबी के अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए।

    आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे से एसीबी ने मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स विजन हॉस्पिटालिटी सर्विस एंड कंस्ल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के फर्जी बैंक गारंटी को लेकर भी सवाल किया।

    उन्होंने पूछा कि अगर बैंक गारंटी फर्जी थे तो उसका सत्यापन क्यों नहीं कराया गया। कैसे दोनों मैनपावर आपूर्ति करने वाली आरोपित प्लेसमेंट एजेंसियों को काम दे दिया।

    मामला उजागर होने के बाद तुरंत एक्शन क्यों नहीं लिया। कागजात जांचने वाले विभाग के अधिकारियों-कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई क्यों नहीं की। इसपर विनय कुमार चौबे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। आईएएस विनय कुमार चौबे से शनिवार को भी एसीबी पूछताछ करेगा।

    गजेंद्र सिंह के बयान को भी आधार बनाकर विनय चौबे से एसीबी ने की पूछताछ

    एसीबी मुख्यालय में संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह दूसरे दिन भी रिमांड पर रहे। एसीबी ने एक दिन पहले गजेंद्र सिंह से भी विभाग में फर्जीवाड़ा के मामले में सवाल पूछा था।

    इस पर गजेंद्र सिंह ने कहा था कि उन्होंने वही किया, जो वरीय पदाधिकारी ने आदेश दिया। एसीबी ने विनय कुमार चौबे के सामने गजेंद्र सिंह के इस जवाब को दुहराया और कहा कि उन्होंने कहा है कि उन्होंने वही किया जो उन्हें ऊपर से आदेश दिया गया।

    उस वक्त ऊपर के अधिकारी वे स्वयं थे तो उन्होंने किसी लोभ में गजेंद्र सिंह को गलत करने का आदेश दिया था। इसको विनय कुमार चौबे ने नकारा और कहा कि उन्होंने विभाग में कभी भी गलत को प्रश्रय नहीं दिया। किसी को गलत करने के लिए आदेश नहीं दिया है।

    उनके कार्यकाल में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में जो भी कार्य हुए, कानून के दायरे में रहकर हुए हैं। उन्होंने राजस्व का ख्याल रखा। गलत करने वालों पर उनके माध्यम से कार्रवाई भी की गई थी।

    एसीबी मुख्यालय में कारोबारी विनय कुमार सिंह भी रहे मौजूद

    शराब घोटाला मामले में एसीबी के समन पर कारोबारी विनय कुमार सिंह शुक्रवार को एसीबी मुख्यालय में मौजूद रहे। एसीबी ने उनसे शराब के धंधे में सक्रियता से लेकर अवैध वसूली के रुपयों को कागजी कंपनियों में खपाने के बिंदु पर पूछताछ की है।

    एक दिन पहले आईएएस विनय कुमार चौबे के रिश्तेदार शिपिज त्रिवेदी से एसीबी ने पूछताछ की थी। अब शनिवार को शराब कारोबारी श्रीलैब बाटलर्स कंपनी के संचालक उमाशंकर सिंह से एसीबी पूछताछ करेगी।

    इन सभी संदिग्धों से एसीबी उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में अधिकारी-एजेंसी साठगांठ, अवैध वसूली के तंत्र की जानकारी ले रहा है, ताकि वह इसे अपनी जांच रिपोर्ट में उजागर कर सके।