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    शराब घोटाला: ED जांच में खुलासा, छत्तीसगढ़ में एपी त्रिपाठी ने सरकार के समानांतर खड़ा किया था शराब का अवैध धंधा

    Updated: Sun, 13 Jul 2025 08:35 PM (IST)

    झारखंड शराब घोटाला मामले में एसीबी की जांच अब आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी पर केंद्रित है जो छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और झारखंड में उत्पाद नीति के परामर्शी थे। ईडी ने त्रिपाठी को छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था। उन्होंने पत्नी के नाम पर कंपनी बनाकर अवैध शराब का कारोबार किया और नकली होलोग्राम के माध्यम से घोटाला किया।

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    ईडी जांच में खुलासा, छत्तीसगढ़ में एपी त्रिपाठी ने सरकार के समानांतर खड़ा किया था शराब का अवैध धंधा

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही एसीबी के रडार पर अब आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी उर्फ एपी त्रिपाठी है।

    वे छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक व झारखंड में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में मई 2022 में लागू उत्पाद नीति के परामर्शी थे।

    छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच के क्रम में ईडी ने एपी त्रिपाठी को वहां शराब घोटाले का मास्टर माइंड बताया था। जब झारखंड में शराब घोटाले की जांच हुई तो एपी त्रिपाठी झारखंड में भी बड़ी भूमिका में सामने आए।

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    छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड में भी शराब घोटाले में एपी त्रिपाठी मास्टरमाइंड की भूमिका निभा चुके हैं। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में ईडी ने जांच में पाया था कि वहां एपी त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ सरकार के समानांतर शराब का अवैध धंधा कर रखा था। इससे कमीशन में उन्हें करोड़ों रुपये मिलते थे।

    ईडी की जांच के अनुसार शराब के अवैध कारोबार के लिए भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी ने अपनी पत्नी के निर्देशन में वर्ष 2021 में एक शराब निर्माता कंपनी बनाई थी। उस कंपनी का नियंत्रण एपी त्रिपाठी ने अपने पास रखा था।

    ईडी की पूछताछ में एपी त्रिपाठी की पत्नी ने भी इस बात को स्वीकारा था। एपी त्रिपाठी ने बाद में उक्त कंपनी को उन्होंने होलोग्राम आपूर्ति करने वाली कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता को बेच दी थी।

    ये वही विधु गुप्ता हैं, जिन्हें झारखंड एसीबी ने शराब घोटाला मामले में पिछले दिनों गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनपर छत्तीसगढ़ के साथ-साथ झारखंड में भी नकली होलोग्राम आपूर्ति करने का आरोप है।

    एपी त्रिपाठी ऐसे करते थे पूरा धंधा

    ईडी ने जांच में पाया कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला के आरोपित आईटीएस अधिकारी एपी त्रिपाठी के नियंत्रण में वहां का शराब कारोबार था। छत्तीसगढ़ में खुदरा दुकानों तक औसतन 200 ट्रक अवैध शराब प्रति माह पहुंचते थे।

    इन्हें नकली होलोग्राम के सहारे दुकानों तक पहुंचाया जाता था, ताकि इन्हें कोई पकड़ न पाए। फैक्ट्री से 560 रुपये प्रति पेटी की दर से निकली शराब सीएसएमसीएल की दुकानां में 2320 रुपये में बिक रही थी। इसके एवज में करोड़ों रुपये का कमीशन सभी संबंधितों, अधिकारियों तक पहुंचते थे।