Ranchi news: स्ट्रीट डाग्स का रखा जा रहा ख्याल, निगम करा रहा नसबंदी, सीसीएल ने उठाया वैक्सीनेशन का जिम्मा
रांची नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट डॉग्स की समस्या को नियंत्रित करने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं। शेल्टर होम को विकसित करने और एक बड़े शेल्टर होम का निर्माण करने की योजना है। प्रत्येक वार्ड में फीडिंग क्षेत्र चिह्नित किए जाएंगे, जहाँ स्ट्रीट डॉग्स को भोजन उपलब्ध कराया जा सके। सर्वेक्षण के बाद, टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच की जाएगी।

नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट डाग्स के आतंक पर लगाम के लिए रांची नगर निगम की ओर से कई प्रस्ताव तैयार किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, रांची। नगर निगम क्षेत्र में स्ट्रीट डाग्स के आतंक पर लगाम के लिए रांची नगर निगम की ओर से कई प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। वर्तमान में चुटिया स्थित स्ट्रीट डाग्स के शेल्टर होम में मात्र 15-20 स्ट्रीट डाग्स को ही रखने की क्षमता है।
जल्द ही इस शेल्डर होम को विकसित किया जाएगा, जहां 50 स्ट्रीट डाग्स रखे जाएंगे। इसके अलावा स्ट्रीट डाग्स के लिए एक बड़े शेल्टर होम का निर्माण कराने की भी योजना है। इसके लिए नगर निगम क्षेत्र में भूमि की तलाश की जा रही है।
सुफ्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, शेक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंडों, खेल परिसर व रेलवे स्टेशनों से स्ट्रीट डाग्स को हटाने व उन्हें आ्रश्रयगृह भेजने का निर्देश दिया गया है। सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी डा. किरण कुमारी ने बताया कि संबंधित स्थलों से स्ट्रीट डाग्स को हटाने के लिए बड़े शेल्टर होम की आवश्यकता है।
यदि बड़ी संख्या में स्ट्रीट डाग्स पकड़े जाएंगे तो उन्हें रखने के लिए बड़े शेल्टर होम की आवश्यकता होगी। साथ ही उनके भोजन की भी व्यवस्था करनी होगी। पूर्व में नगर विकास विभाग की बैठक में इस मामले में विचार-विमर्श भी किया गया था।
फिलहाल रांची नगर निगम की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि प्रत्येक वार्ड में एक ऐसे जगह (फीडिंग क्षेत्र) को चिह्नित किया जाए, जहां संबंधित वार्ड क्षेत्र के स्ट्रीट डाग्स को भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
स्ट्रीट डाग्स के भोजन के लिए विभागीय स्तर से या रांची नगर निगम की ओर से राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि रांची शहरी क्षेत्र में स्ट्रीट डाग्स की संख्या क्या है, इसका सर्वे अब तक नहीं कराया गया है। यदि नगर विकास विभाग से सर्वे कार्य के लिए अनुमति प्रदान गई तो निगम स्तर से शहरी क्षेत्र में स्ट्रीट डाग्स का सर्वे भी कराया जाएगा।
स्कूल, कालेज व अस्पताल परिसर से स्ट्रीट डाग्स को हटाएं
स्ट्रीट डाग्स से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सात नवंबर को शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंडों, खेल परिसरों व रेलवे स्टेशनों से स्ट्रीट डाग्स को हटाने व उन्हें आश्रयगृह भेजने का निर्देश दिया है। साथ ही राज्यों को निर्देश दिया है कि स्ट्रीट डाग्स को उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए, जहां से उन्हें उठाया गया था।
वैक्सीनेशन व स्वास्थ्य जांच के लिए दो चिकित्सक उपलब्ध
रांची नगर निगम की ओर से स्ट्रीट डाग्स के नसबंदी का कार्य होप एंड एनिमल ट्रस्ट को दिया गया है। प्रत्येक स्ट्रीट डाग की नसबंदी के लिए एजेंसी को चार सौ रुपये का भुगतान किया जाता है। स्ट्रीट डाग्स की नसबंदी, वैक्सीनेशन व स्वास्थ्य जांच के लिए दो चिकित्सक उपलब्ध हैं।
हालांकि रांची नगर निगम की ओर से एजेंसी को स्ट्रीट डाग्स के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। सीसीएल व मिशन रेबीज के तहत उपलब्ध कराए जा रहे फंड से पिछले दो माह से होप एंड एनिमल ट्रस्ट की ओर से स्ट्रीट डाग्स का वैक्सीनेशन किया जा रहा है।
पूर्व में साल 2014 से 2019 तक होप एंड एनिमल ट्रस्ट ने मिशन रेबीज के तहत 25-30 हजार स्ट्रीट डाग्स का वैक्सीनेशन किया था। इसके बाद वैक्सीनेशन का कार्य बंद था। एजेंसी की ओर से सिर्फ स्ट्रीट डाग्स के नसबंदी का कार्य किया जा रहा है।
साल 2007 से अब तक एजेंसी की ओर से नगर निगम क्षेत्र स्थित एक लाख आठ हजार स्ट्रीट डाग्स की नसबंदी की जा चुकी है। सीसीएल की ओर से ही सीएसआर फंड से होप एंड एनिमल ट्रस्ट को स्ट्रीट डाग्स को पकड़ने के लिए एक वाहन उपलब्ध कराया गया है।
रांची नगर निगम की ओर से पूर्व में एजेंसी को उपलब्ध कराए गए दो वाहन कंडम हो चुके हैं। अब रांची नगर निगम की ओर से स्ट्रीट डाग्स को पकड़ने के लिए दो नए वाहन खरीदने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरा किया जा रहा है।

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