क्लर्क के लिए 20 और प्यून के लिए 15 लाख, झारखंड हाईकोर्ट में नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी
रांची में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले राजकुमार और उसके बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उन्होंने क्लर्क के लिए 20 लाख और चपरासी के लिए 15 लाख रुपये लिए। एक पीड़ित ने बताया कि उसने राजकुमार को 70 लाख रुपये दिए थे। राजकुमार ने खुद को हाईकोर्ट का सहायक बताकर नौकरी दिलाने का वादा किया था।

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड हाईकोर्ट में क्लर्क और प्यून की नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपित राजकुमार और उसका बेटा परमित राज पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया है कि वे हाईकोर्ट में क्लर्क की नौकरी के लिए 20 लाख रुपये और प्यून के लिए 15 लाख रुपये वसूलते थे।
बरियातू निवासी महताब आलम ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2022 में उन्होंने अपने और छह अन्य लोगों के लिए राजकुमार को कुल 70 लाख रुपये दिए थे। इनमें से 67.5 लाख रुपये नकद राजकुमार के घर में दिए गए थे, जबकि 2.5 लाख रुपये उसकी बेटी संस्कृति राज के मोबाइल नंबर पर फोन पे के माध्यम से ट्रांसफर किए गए।
राजकुमार ने खुद को झारखंड हाईकोर्ट का असिस्टेंट बताते हुए भरोसा दिलाया था कि उसकी वहां अच्छी पहुंच है और वह नौकरी लगवा देगा। कई महीनों तक लिस्ट निकलने का झांसा देकर वह लोगों को टालता रहा। बाद में उसने फोन उठाना बंद कर दिया और फरार हो गया।
नौकरी लगवाने के नाम पर 48 लाख रुपये दिए
इस दौरान अन्य पीड़ित भी सामने आए। अभिषेक कुमार ने बताया कि उसने भी राजकुमार को हाईकोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर 48 लाख रुपये दिए थे, जिनमें से 10 लाख रुपये परमित राज के मोबाइल नंबर पर फोन पे के जरिए भेजे गए थे।
इसी तरह, अर्जुन टोप्पो ने 24 लाख रुपये और विजय टोप्पो ने 18 लाख रुपये राजकुमार को दिए थे। पीड़ितों का कहना है कि राजकुमार ने इस तरह और भी कई लोगों को झांसे में लेकर करोड़ों रुपये की ठगी की है।
कई महीनों की तलाश के बाद, जब सूचना मिली कि राजकुमार थड़पखना स्थित अपने घर लौटा है, तो सभी पीड़ित वहां पहुंचे और उसे पकड़कर लोअर बाजार थाना पुलिस के हवाले कर दिया।
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