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    Sandhya Topno Murder Case: महिला दारोगा के साथ दो बहनों के सपनों की भी हत्या, डीप फ्रीजर से लिपटकर फफक पड़ी मां

    By M EkhlaqueEdited By:
    Updated: Wed, 20 Jul 2022 09:25 PM (IST)

    Ranchi Inspector Murder Case रांची के तुपुदाना ओपी में फूटकर रो पड़ी रौशनी ने कहा अब कौन पढ़ाएगा उसे कौन उठाएगा उनकी पढ़ाई का खर्च। राेते हुए रौशनी ने कहा दारोगा दीदी ही पढ़ाई से लेकर रहने-खाने तक का पूरा खर्च उठाती थी पढ़ने के लिए लैपटाप तक दिया।

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    Sandhya Topno Murder Case: महिला दारोगा के साथ दो बहनों के सपनों की भी हत्या, फफक पड़ी मां

    रांची, {संजय साहू}। Inspector Sandhya Topno Murder Case रांची के तुपुदाना में गश्त के दौरान पशु तस्करों ने न सिर्फ वहां की महिला दारोगा संध्या टोपनो को कुचलकर मार डाला, बल्कि रनिया उलूंग की उन दो बहनों के सपनों को भी कुचल डाला, जिन बहनों के उज्जवल भविष्य के लिए महिला दारोगा ने सपने संजो रखे थे। ये गरीब बहनें रौशनी गुड़िया व कोमल गुड़िया हैं, जो अपनी इस दारोगा दीदी की बदौलत रांची में रहकर पढ़ रही थीं।

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    घटना की सूचना पर तुपुदाना ओपी पहुंचीं रौशनी लगातार रोए जा रही थी। बिलखते हुए रौशनी ने कहा, दारोगा दीदी ही रांची में उसकी सबकुछ थी। वह न सिर्फ पढ़ाई का खर्च देती थीं, बल्कि तुपुदाना में रहने के लिए किराए पर एक मकान लेकर दे दी थी, ताकि दोनों बहनें पढ़-लिखकर अच्छे पद पर नौकरी कर सकें।

    बहनों को दारोगा बनाना चाहती थी संध्या टोपनो

    रौशनी ने बताया कि दारोगा दीदी उन दोनों बहनों को भी अपने जैसा दारोगा बनाना चाहती थी, इसके लिए शारीरिक प्रशिक्षण के अलावा पढ़ाई-लिखाई पर भी स्वयं ध्यान देती थी। जब भी ड्यूटी से छुट्टी मिलती, उन बहनों का हाल-चाल जानती, उनकी कमियों को पूरा करती और बीच-बीच में उन्हें पढ़ाया भी करती थीं।

    हर क्षण घर-परिवार का लेती रहती थी हाल-चाल

    ड्यूटी पर रहने के दौरान भी फोन पर हाल-चाल लेती रहती थी। रौशनी लगातार रोये जा रही थी और दारोगा दीदी के बारे में अपनी बातें कही जा रही थी। उसने बताया कि उसकी एक बहन कोमल गुड़िया, अभी गांव गई है। रौशनी रांची में इंटर की पढ़ाई कर रही है, जबकि उसकी बहन कोमल दसवीं में है। रौशनी ने बताया कि दारोगा दीदी ने उसे पढ़ने के लिए लैपटाप भी दिया था, जिससे दोनों पढ़ती थीं।

    पीएचईडी विभाग में एसडीओ थे महिला दारोगा के पिता

    महिला दारोगा संध्या टोपनो के पिता नियारन टोपनो पीएचईडी विभाग में एसडीओ के पद पर थे। पिता नियारन की वर्ष 2016 में असामयिक मौत के बाद अनुकंपा पर संध्या के इकलौते भाई अजित टोपनो की नौकरी लगी थी। वह वर्तमान में सचिवालय में पीएचईडी कार्यालय में सहायक के पद पर कार्यरत है। संध्या की मां स्नेहलता टोपनो गृहणी हैं। बड़ी बहन सीमा टोपनो शादीशुदा हैं, उनके पति भी सचिवालय में कार्यरत हैं।

    पढ़ने में मेधावी रही थीं दारोगा संध्या टोपनो

    महिला दारोगा संध्या टोपनो पढ़ने में मेधावी थी। उन्हें खेलकूद में भी रूचि थी। संध्या के पिता भी पढ़ाई को लेकर गंभीर थे। यही वजह है कि उन्हों रनिया से रांची आकर जगन्नाथपुर के सोलंकी कल्याणपुर में मकान बनवाया था, जहां पूरा परिवार रहता है। संध्या ने बिशप वेस्टकाट से दसवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद उसने संत पाल से इंटर और गोस्सनर कालेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वर्ष 2018 बैच में उनका झारखंड पुलिस में दारोगा के पद पर चयन हुआ था। प्रशिक्षण के बाद उनकी प्रशिक्षु दारोगा के रूप में तुपुदाना ओपी में पहली पोस्टिंग थी।

    डीप फ्रीजर से लिपटकर फफक पड़ी मां

    महिला दारोगा संध्या टोपनो के पार्थिक शरीर को पुलिस केंद्र में सलामी के बाद जगन्नाथपुर के कल्याणपुर स्थित उनके आवास में ले जाया गया। यहां शव को डीप फ्रीजर में रखा गया था। अपने घर में डीज फ्रीजर पड़ी बेटी के शव को देखकर दारोगा संध्या की मां स्नेहलता टोपनो डीप फ्रीजर से ही लिपट गई। वह बिलख-बिलख कर कहे जा रही थी कि बेटी बाहर आओ। अब वह किसके साथ सोएगी। वह कहती जा रही थी कि ड्यूटी से आने के बाद संध्या उन्हीं के साथ सोती थी और सुख-दुख बांटती थी। मां के बिलखने से पूरा माहौल गमगीन था। आसपास की महिलाएं उन्हें सांत्वना दे रही थीं।