झारखंड में फिर चर्चा में आए शिबू सोरेन और विनोद बिहारी महतो, फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले बढ़ा सियासी पारा
रांची में फ्लाईओवर के नामकरण को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। सिरमटोली फ्लाईओवर के बाद अब रातू रोड फ्लाईओवर का नाम शिबू सोरेन के नाम पर रखने की मांग उठी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 19 जून को इसका उद्घाटन करने वाले हैं लेकिन उससे पहले ही सियासी पारा चढ़ गया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड की राजधानी रांची में ट्रैफिक सुगम बनाने के लिए बनाए जा रहे फ्लाईओवर न केवल यातायात की रफ्तार बढ़ा रहे हैं, बल्कि सियासी सरगर्मी का केंद्र भी बन गए हैं।
सिरमटोली फ्लाईओवर के नामकरण को लेकर कार्तिक उरांव के नाम पर फैसले ने पहले ही विवाद खड़ा किया था। अब रातू रोड फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन की शिबू सोरेन के नाम पर नामकरण की मांग ने सियासी तकरार को और गर्म कर दिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के 19 जून को प्रस्तावित उद्घाटन से पहले यह मुद्दा झारखंड की राजनीति में नया रंग ला रहा है।
सिरमटोली चौक से मेकॉन गोलचक्कर तक बने 2.34 किलोमीटर लंबे चार लेन फ्लाईओवर का उद्घाटन बीते छह जून को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। 356 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर का नामकरण स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कार्तिक उरांव के नाम पर किया गया।
इसपर विवाद पैदा करने की कोशिश हुई। सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप का विरोध कर रहीं पूर्वमंत्री गीताश्री उरांव स्वर्गीय कार्तिक उरांव की पुत्री हैं। गीताश्री ने सिरमटोली सरना स्थल के पास रैंप निर्माण को आदिवासियों की आस्था के खिलाफ बताते हुए इसे हटाने की मांग की थी।
आदिवासी संगठनों ने भी इस रैंप को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें चार जून को झारखंड बंद और पुतला दहन जैसे कदम शामिल थे।
सत्तारूढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने भी रैंप निर्माण का विरोध किया, जिससे असहज स्थिति बन गई। गीताश्री ने फ्लाईओवर का नाम उनके पिता के नाम पर रखे जाने को राजनीतिक चाल करार देते हुए कहा कि इससे आदिवासी समुदाय की पीड़ा कम नहीं होगी।
रातू रोड फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले नामकरण पर गठबंधन का दबाव
अब रातू रोड पर चार किलोमीटर लंबे एलिवेटेड फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने नया दांव खेला है। 291 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर का उद्घाटन 19 जून को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करने वाले हैं।
लेकिन उद्घाटन से पहले झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने फ्लाईओवर का नाम झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन के नाम पर करने की मांग उठाई है।
झामुमो और कांग्रेस का तर्क है कि शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य के निर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया, और उनके नाम पर फ्लाईओवर का नामकरण राज्य की जनता के लिए सम्मान की बात होगी।
इस मांग को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन ने भाजपा को घेरने की रणनीति अपनाई है, जिसका अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया।
विनोद बिहारी महतो का भी नाम आया आगे
लंबे अरसे तक झारखंड आंदोलन से जुड़े रहे हिमांशु कुमार ने रातू फ्लाईओवर का नामकरण झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में रहे विनोद बिहारी महतो के नाम पर करने की वकालत की है।
हिमांशु कुमार ने कहा कि 1973 में विनोद बिहारी महतो ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की, जिसमें उनका साथ शिबू सोरेन और एके राय जैसे नेताओं ने दिया।
1980 में वे टुंडी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए बाद में 1991 में वे गिरिडीह से सांसद बने। एक सफल रणनीतिकार, कलमकार व अधिवक्ता के रूप में विनोद बाबू हमारे लिए सदा प्रासंगिक रहेंगे।
विनोद बाबू ने अलग झारखंड राज्य की मांग को समग्रता दी। वे झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह थे। फ्लाईओवर का नामकरण उनके नाम पर करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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