दुर्गा पूजा पंडाल या चर्च? रांची में शुरू हुआ नया विवाद, भड़के हिंदू संगठन
रांची में दुर्गा पूजा पंडाल को चर्च का रूप देने पर विवाद छिड़ गया है। आरआर स्पोर्टिंग क्लब के इस पंडाल का विश्व हिंदू परिषद सहित कई हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। संगठनों का आरोप है कि यह हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है और धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहा है।

जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी रांची के रातू रोड स्थित आरआर स्पोर्टिंग क्लब द्वारा बनाए गए दुर्गा पूजा पंडाल ने इस साल एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। पंडाल को इटली के रोम में स्थित वेटिकन संग्रहालय के रूप में बनाया गया है, जिस पर विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, जनजाति सुरक्षा मंच आदि संगठनों ने कड़ा विरोध किया है।
धार्मिक भावनाओं को ठेस और धर्मांतरण का आरोप
हिंदू संगठनों का कहना है कि दुर्गा पूजा पंडाल को चर्च का रूप देना हिंदू आस्था और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में आरोप लगाया है कि जेएमएम नेता विक्की यादव के नेतृत्व में बना यह पंडाल "धर्मांतरण का अड्डा" बन गया है। उन्होंने इसे हिंदुओं की आस्था के साथ सरकारी खेल बताया है।
प्रदर्शन और समझौते के प्रयास
हिंदू जागरण मंच के प्रांत संयोजक विक्रम शर्मा ने कहा है कि इसका कड़ा विरोध किया जाएगा और हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। सुजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने पहले विक्की यादव को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी।
अब विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई जा रही है। विवाद के बाद कई सामाजिक संगठनों ने मिलकर विरोध शुरू कर दिया है। इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए एक बैठक भी बुलाई गई है।
पंडाल की लागत और अन्य विशेषताएं
आयोजकों के अनुसार यह पंडाल 85 लाख रुपये की लागत से बना है और यह शहर के सबसे महंगे पंडालों में से एक है। इसकी लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 45 फीट है। पंडाल के निर्माण में 70-80 कारीगर लगे थे, जिन्होंने युद्ध स्तर पर काम किया। पंडाल में भव्य लाइटिंग की व्यवस्था की गई है और इसके चारों ओर खाने-पीने के कई स्टॉल लगाए गए हैं।
आरआर स्पोर्टिंग क्लब के अध्यक्ष राहुल यादव ने बताया कि पंडाल पूरी तरह से पर्यावरण-अनुकूल है। यह वेटिकन संग्राहलय की थीम पर है। किसी की भावनाओं को आहत करने का कोई मकसद नहीं है।
यह विवाद एक ऐसे पंडाल पर है, जो पहले से ही अपने भव्य रूप के कारण लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ था। कई संगठनों का विरोध जारी है और आगे इस मामले में क्या कदम उठाए जाएंगे, यह अभी देखना बाकी है।
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