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    Ranchi: RBL बैंक से 1.10 करोड़ की धोखाधड़ी, साइबर पुलिस ने तीन को दबोचा; 5 मोबाइल, 4 POS मशीन व 15 ATM जब्त

    By Dilip KumarEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Thu, 21 Sep 2023 07:19 PM (IST)

    झारखंड की राजधानी रांची में साइबर थाना पुलिस ने आरबीएल बैंक से धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में खाताधारी समेत तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि इनके पास से गिरफ्तारी के दौरान कई तरह के सामान बरामद हुए हैं। साइबर थाने की पुलिस अब इन लोगों को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।

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    RBL बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी, CID ने 3 साइबर अपराधियों को दबोचा

    राज्य ब्यूरो, रांची: सीआईडी (CID) के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने आरबीएल बैंक से एक करोड़ 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत मामले में खाताधारी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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    गिरफ्तार आरोपियों में बैंक का खाताधारी बोकारो के हरला थाना क्षेत्र निवासी नीरज कुमार पांडेय, रांची के गाड़ीगांव अशोक कुमार व तमिलनाडू के चेन्नई का रहने वाला मोहम्मद काजिम शामिल हैं।

    जानकारी के मुताबिक, नीरज कुमार पांडेय मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले के विक्रमगंज का रहने वाला है। तीनों ही आरोपियों के पास से पुलिस ने पांच मोबाइल, पैसे ट्रांसफर करने वाला चार पीओएस मशीन व 15 एटीएम कार्ड की बरामदगी की गई है।

    खाताधारी नीरज कुमार पांडेय पर आरोप है कि उसने साइबर अपराधियों के साथ मिलकर आरबीएल बैंक से एक करोड़ 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है।

    आरबीएल बैंक ने दर्ज कराई प्राथमिकी

    सीआईडी (CID) झारखंड के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने में महाराष्ट्र के कोल्हापुर शाहपुरी स्थित आरबीएल बैंक के मुख्य कार्यालय के पंकज भगत ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    इस दौरान आरोप लगाया कि उनके खाताधारी बोकारो के हरला निवासी नीरज कुमार पांडेय ने विदेशी खाता धारक व अन्य साइबर अपराधियों के साथ मिलकर उनके बैंक से एक करोड़ 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है।

    इसके बाद साइबर अपराध थाने में जालसाजी व आईटी एक्ट से संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद छानबीन में मामले का खुलासा हुआ।

    इस तरह से की गई थी बैंक से धोखाधड़ी

    यह जानकारी मिली है कि आरोपी नीरज कुमार पांडेय ने आरबीएल बैंक से क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद बैंक ने उसे खाता के माध्यम से क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई। पहले बैंक ने नीरज कुमार पांडेय के खाते की स्थिति के आधार पर एक लाख रुपये का क्रेडिट लिमिट निर्धारित की।

    इसके बाद नीरज कुमार पांडेय के खाते में विदेशी बैंक, व्यवसायियों के खातों से बड़े-बड़े रकम की काल्पनिक ट्रांसफर होने लगा।

    उस खाते में काल्पनिक धनराशि देखते हुए नीरज कुमार पांडेय के खाते का क्रेडिट लिमिट समय-समय पर बढ़ाई जाती रही।

    आखिर में बैंक ने उसके क्रेडिट कार्ड पर एक करोड़ 10 लाख 20 हजार 570 रुपये की क्रेडिट लिमिट निर्धारित कर दी। इसके बाद नीरज कुमार पांडेय ने अल्प अवधि में क्रेडिट कार्ड की लिमिट को अन्य साथियों के साथ मिलकर विभिन्न पीओएस मशीन के माध्यम से निकाल लिया।

    मोहम्मद काजिम की चेन्नई से हुई गिरफ्तारी

    साइबर अपराध थाने की पुलिस ने तकनीकी रूप से जांच की तो मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद इसमें शामिल साइबर अपराधियों को चिह्नित किया गया।

    तीनों अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में मोहम्मद काजिम की गिरफ्तारी तमिलनाडू के चेन्नई से हुई है।

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