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    Ranchi में बढ़ती ठंड का असर; हार्ट–ब्रेन स्ट्रोक और बच्चों में वायरल फीवर बढ़ा

    By Anuj Tiwari Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 12:29 AM (IST)

    रांची में बढ़ती ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा है, रिम्स और सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है। हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और बच्चों मे ...और पढ़ें

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    राजधानी रांची में अचानक बढ़ी ठंड का सीधा असर लोगों की सेहत पर देखने को मिल रहा है।

    जागरण संवाददाता, रांची । राजधानी रांची में अचानक बढ़ी ठंड का सीधा असर लोगों की सेहत पर देखने को मिल रहा है। तापमान में लगातार गिरावट और ठंडी हवाओं के कारण रिम्स, सदर अस्पताल सहित निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। खासकर हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और बच्चों में वायरल फीवर के मामले चिंताजनक रूप से सामने आ रहे हैं। डाक्टरों का कहना है कि ठंड में लापरवाही भारी पड़ सकती है।

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    हार्ट के मरीजों पर ठंड का असर

    रिम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डा. प्रशांत ने बताया कि ठंड के मौसम में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यही कारण है कि हार्ट अटैक और सीने में दर्द की शिकायतें बढ़ जाती हैं।

    उन्होंने कहा कि जिन लोगों को पहले से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हृदय रोग है, उन्हें इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।


    लक्षण : सीने में जकड़न, सांस फूलना, अत्यधिक पसीना, चक्कर आना।
    इलाज व सावधानी: नियमित दवाइयां लें, सुबह-शाम ठंड में टहलने से बचें, गर्म कपड़े पहनें और किसी भी लक्षण पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।

    ब्रेन स्ट्रोक का बढ़ता खतरा

    न्यूरोसर्जन डा. विकास कुमार ने बताया कि ठंड में अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर बुजुर्गों में यह समस्या अधिक देखी जा रही है। ठंड के कारण खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे ब्रेन में रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।

    लक्षण: अचानक शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, बोलने में दिक्कत, मुंह का टेढ़ा होना, तेज सिरदर्द।
    इलाज व सावधानी: स्ट्रोक के लक्षण दिखते ही “गोल्डन आवर” में अस्पताल पहुंचना बेहद जरूरी है। इसमें एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचे। नमक का सेवन कम रखें, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं तथा ठंड से बचाव करें।

    बच्चों में वायरल फीवर और सर्दी-खांसी

    शिशु रोग विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार ने बताया कि ठंड के साथ बच्चों में वायरल फीवर, सर्दी-खांसी, उल्टी और दस्त के मामले बढ़े हैं। ठंडी हवा और तापमान में अचानक बदलाव से बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर पड़ जाती है।


    लक्षण: बुखार, नाक बहना, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द।
    इलाज व सावधानी: बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, ठंडा पानी और खुले में ठंडी हवा से बचाएं। बुखार होने पर डाक्टर की सलाह से दवा दें और खुद से एंटीबायोटिक न दें।

    डाक्टरों की सलाह, लापरवाही न बरतें

    डाक्टरों ने सलाह दी है कि ठंड के मौसम में लापरवाही न बरतें। सुबह-शाम पर्याप्त गर्म कपड़े पहनें, पौष्टिक आहार लें, पर्याप्त पानी पीएं और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं। किसी भी गंभीर लक्षण के दिखते ही नजदीकी अस्पताल पहुंचें। सावधानी और समय पर इलाज से ठंड के इस प्रकोप से बचा जा सकता है।