करोड़ों रुपये का घर टूटेगा! 20 परिवारों को सड़क पर आने का डर, रांची में DIG ग्राउंड के पास होगा एक्शन
रांची के डीआईजी ग्राउंड स्थित अभिनंदन अपार्टमेंट पर प्रशासन की कार्रवाई से 20 परिवारों का भविष्य खतरे में है। इन परिवारों ने अपनी जीवन भर की कमाई इस अ ...और पढ़ें

डीआईजी ग्राउंड पर बना अपार्टमेंट। (जागरण)
जागरण संवाददाता, रांची। डीआईजी ग्राउंड, रिम्स परिसर में बने अभिनंदन अपार्टमेंट पर प्रशासन की कार्रवाई अब सिर्फ एक अवैध निर्माण तोड़ने का मामला नहीं रह गया है। यह उन 20 परिवारों की जिंदगी, सपनों और भविष्य का सवाल बन चुका है, जिन्होंने अपनी पूरी जमापूंजी, कर्ज और जीवनभर की कमाई इस एक छत के भरोसे लगा दी थी।
किसी ने पिता की रिटायरमेंट की रकम झोंक दी, तो किसी ने बैंक लोन लेकर इंटीरियर तक करा लिया। अब चंद घंटों में जब अपार्टमेंट ध्वस्त होने की तैयारी है, तब सवाल सिर्फ मकान का नहीं, बल्कि इंसाफ और भरोसे का है।
डीआईजी ग्राउंड में होने वाली यह कार्रवाई एक इमारत को नहीं, बल्कि सरकारी सिस्टम पर लोगों के भरोसे को भी तोड़ने वाली है।
केस स्टडी–1 : पिता की रिटायरमेंट की कमाई से खरीदा फ्लैट, 80 लाख बर्बाद
अपार्टमेंट के एक फ्लैट मालिक की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। उन्होंने बताया कि पिता की पूरी रिटायरमेंट की कमाई और अपनी जिंदगी भर की बचत जोड़कर करीब 80 लाख रुपये का फ्लैट खरीदा था।
भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि अपने पिताजी को क्या बताऊंगा। उन्होंने अपनी जिंदगी भर की कमाई मुझे सौंपी थी। नक्शा पास था, जमीन की रजिस्ट्री थी, अंचल अधिकारी ने कागजात सही बताए, नगर निगम से नक्शा पास हुआ, बैंक ने लोन दिया, फिर इतना बड़ा फ्रॉड कैसे हो गया।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर जमीन गलत थी तो 20 साल तक किसी को कैसे पता नहीं चला। आज अचानक कार्रवाई क्यों। बिल्डर और जमीन मालिक भी हाथ खड़े कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उनकी भी पूरी पूंजी डूब गई। अब हमारा पैसा कैसे वापस मिलेगा, यह कोई नहीं बता रहा।
केस स्टडी–2 : 68 लाख का फ्लैट, 20 लाख का इंटीरियर, अब सड़क पर आने का डर
दूसरी ओर एक महिला फ्लैट मालिक फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने बताया कि 68 लाख रुपये में फ्लैट खरीदा और 20 लाख रुपये इंटीरियर पर खर्च किए। रोते हुए उन्होंने कहा कि जब सरकार के विभागों ने सब कुछ सही बताया था, तो आज यह गलत कैसे हो गया। घर टूट जाएगा, लेकिन बैंक की ईएमआई नहीं रुकेगी।

इतनी रकम डूबने के बाद हम सड़क पर आ जाएंगे। अब तो एक छोटा सा घर भी खरीदने की हैसियत नहीं बचेगी। उनका कहना है कि अपार्टमेंट ध्वस्त होने के बाद भी बैंक लोन चलता रहेगा, जबकि रहने के लिए उनके पास कोई ठिकाना नहीं होगा।
20 परिवार, करोड़ों की पूंजी और अनगिनत सवाल
प्रशासन की कार्रवाई से अभिनंदन अपार्टमेंट में रहने वाले 20 फ्लैट मालिकों की करोड़ों रुपये की पूंजी डूबने जा रही है।
फ्लैट मालिकों का आरोप है कि जमीन के कागजात अंचल कार्यालय से सत्यापित थे, नगर निगम से नक्शा पास था, बैंक ने सभी दस्तावेज जांचकर लोन दिया, फिर भी अगर निर्माण अवैध था, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है। कार्रवाई सिर्फ आम लोगों पर क्यों?
भरोसे का संकट और इंसाफ की मांग
अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन सिर्फ इमारत तोड़कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएगा। जिन परिवारों ने सरकारी प्रक्रिया पर भरोसा किया, उनका क्या कसूर। फ्लैट मालिक मांग कर रहे हैं कि दोषी अधिकारियों, बिल्डर और जमीन मालिकों पर कार्रवाई हो, पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिले, बैंक लोन पर तत्काल राहत दी जाए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।