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    Ranchi Airport: रांची एयरपोर्ट को इंटरनेशनल श्रेणी में बहाल करने का आग्रह, मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट

    Updated: Thu, 29 May 2025 01:47 PM (IST)

    बिरसा मुंडा एयरपोर्ट ने नागर विमानन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जरूरी सभी सुविधाओं की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में एयरपोर्ट को सुरक्षित और सुगम एयर ट्रैफिक सुविधा वाला बताया गया है। कस्टम्स और इमिग्रेशन विंग शुरू होने के बाद विदेशी विमान उड़ान भर सकेंगे। मंत्रालय से रांची एयरपोर्ट को इंटरनेशनल श्रेणी में बहाल करने का आग्रह किया गया है।

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    रांची एयरपोर्ट को इंटरनेशनल श्रेणी में बहाल करने का आग्रह, मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट

    अमित सिंह, रांची। नागर विमानन मंत्रालय को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की आधारभूत संरचनाओं की रिपोर्ट सौंप दी गई। एयरपोर्ट प्रबंधन ने रिपोर्ट में उन सभी सुविधाओं की जानकारी दी है, जो एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए आवश्यक है। रिपोर्ट में रांची एयरपोर्ट को देश में सुरक्षित और स्मूथ एयर ट्रैफिक सुविधा वाला बताया गया है।

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    कस्टम्स और इमिग्रेशन विंग शुरू होने के बाद विदेशी विमान उड़ान भर सकेगा। मंत्रालय से रांची एयरपोर्ट को इंटरनेशनल श्रेणी में बहाल करने का आग्रह किया गया है। बता दें कि देश के सभी राज्यों की राजधानी में संचालित होने वाले एयरपोर्ट की आधारभूत संरचना की सूची नागर विमानन मंत्रालय ने मांगी थी।

    राजधानी में संचालित ऐसे एयरपोर्ट, जो इंटरनेशनल एयरपोर्ट की श्रेणी में शामिल नहीं हैं, उन पर सुविधा बहाल कर इंटरनेशनल उड़ान शुरू करने की योजना पर मंत्रालय काम कर रहा है। रांची से दुबई और थाइलैंड के लिए इंटरनेशन उड़ान शुरू करने की मांग भी उठ चुकी है।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जो आधारभूत संरचना चाहिए, वह सभी रांची एयरपोर्ट पर उपलब्ध है। रांची भारत का पहला टियर-टू हवाई अड्डा है, जिसमें आठ विमान पार्किंग वे हैं। 138 करोड़ की लागत से इंट्रीग्रेटेड टर्मिनल बिल्डिंग संचालित है, जो 19,600 वर्ग मीटर के क्षेत्र को कवर करता है।

    एक ही समय में 500 घरेलू और 200 विदेशी यात्रियों को सफलतापूर्वक प्रबंधित कर सकता है। यहां अत्याधुनिक आइएलएस लोकलाइजर एंटीना बनाई है, जिसके सहारे किसी भी मौसम की स्थिति में विमान सटीक और सुरक्षित रूप से उतर सकें। रांची में इंटरनेशन एयरपोर्ट वाली सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

    एयरपोर्ट पर वायु प्रदूषण से मुक्त करने के लिए विशेष उपकरण लगे हैं। इससे ओजोन लेयर को क्षति पहुंचाने वाली गैसों को उत्सर्जन रुकता है। एयरपोर्ट में फ्यूल लीकेज नियंत्रण नहीं के बराबर है। मेनटेनेंस में होने वाले लीकेज भी बंद किए जा रहे हैं।

    क्या है कस्टम और इमिग्रेशन जांच प्रक्रिया?

    कस्टम प्रक्रिया में यात्रियों द्वारा ले जाए जा रहे सामान की जांच की जाती है। एजेंसी किसी देश में आने-जाने वाले सामान पर नियंत्रण रखती है। यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी सामान देश में अवैध रूप से नहीं लाया जाए और देश में उत्पादित सामानों की सुरक्षा की जाती है।

    इमिग्रेशन एक सरकारी एजेंसी है, जो किसी देश में आने-जाने वाले लोगों पर नियंत्रण रखती है। एजेंसी की अनुमति के बिना कोई भी व्यक्ति बिना उचित दस्तावेज या वीजा के देश में प्रवेश नहीं कर सकता है। इमिग्रेशन प्रक्रिया में पासपोर्ट और वीजा की जांच गहनता से होती है।

    इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने में बाधा

    कम विजिविलिटी में विमान की लैंडिंग में परेशानी होगी। पर्याप्त जमीन नहीं मिलने की वजह से पहले एयरपोर्ट पर 18 करोड़ का कैट-टू लाइट नहीं लग सका। अतिक्रमण और ऊंची इमारतों की वजह से करीब 2700 मीटर रनवे का ही उपयोग हो पाता है। 900 मीटर रनवे बढ़ाने की योजना है। मगर राज्य सरकार से 303 एकड़ जमीन नहीं मिलने की वजह से एयरपोर्ट में कई निर्माण कार्य अधर में लटक गए हैं।

    रांची एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल उड़ान शुरू करने के लिए पर्याप्त आधारभूत संरचना है। विस्तृत सूची बनाकर मंत्रालय को भेज दी गई है। जहां तक कैट टू लाइट आदि की बात है तो यह एडिशन फिचर है। रांची में कस्टम और इमिग्रेशन विंग बहाल होने के बाद विदेशी विमानों का परिचालन कभी भी शुरू हो सकता है। - आरआर मौर्य, डायरेक्टर, रांची एयरपोर्ट