Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रांची की हवा जहरीली हो रही, झारखंड की राजधानी में AQI अनहेल्दी स्तर पर; हमसे बेहतर बेंगलुरु-चेन्नई

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 09:59 AM (IST)

    रांची में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अनहेल्दी श्रेणी में पहुंच गया है। शहर के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर बढ़ ग ...और पढ़ें

    Hero Image

    डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड की राजधानी रांची, जो कभी अपनी घने जंगलों, हरियाली और स्वच्छ हवा के लिए मशहूर थी, आज वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रही है। शहर के कई हिस्सों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अनहेल्दी श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे आम नागरिकों से लेकर बच्चों और बुजुर्गों तक के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हाल के दिनों में AQI का स्तर 150 से ऊपर बना हुआ है, और कुछ इलाकों में यह 180 के करीब दर्ज किया गया है। प्रदूषण पर नियंत्रण के चौतरफा प्रयास करने होंगे। यह प्रशासनिक पहल और रांचीवासियों की जागरूकता से ही संभव हो पाएगा।

    IQAir, AQI.in के आंकड़ों के अनुसार रांची का औसत AQI अनहेल्दी (151-200) की श्रेणी में है। कोकर चौक, डोरंडा, हरमू और गांधी नगर जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर विशेष रूप से ऊंचा रहा है। मुख्य प्रदूषक PM2.5 और PM10 हैं, जो सर्दियों में मौसमी स्थितियों के कारण और बढ़ जाते हैं।

    प्रदूषण का बुरा प्रभाव: आंकड़ों से समझें 

    प्रदूषक (Pollutant) औसत स्तर (µg/m³)    CPCB सुरक्षित सीमा (24 घंटे)  स्वास्थ्य प्रभाव
    PM2.5     70-90    60 µg/m³ फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश, अस्थमा, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और सांस की तकलीफ बढ़ना
    PM10  100-120      100 µg/m³
    श्वसन तंत्र में जलन, खांसी, आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत
    AQI (समग्र)  160-185     0-50 (अच्छा)  संवेदनशील लोगों (बच्चे, बुजुर्ग, अस्थमा रोगी) के लिए गंभीर जोखिम, सामान्य लोगों में भी सिरदर्द, थकान और जलन


    तुलनात्मक तथ्य: जब रांची का AQI 174-183 की रेंज में है, तब देश के कई बड़े शहरों, जैसे कि बेंगलुरु या चेन्नई की हवा अपेक्षाकृत साफ है। एक्स पर RanchiPollutionCrisis हैशटैग के तहत रांची के जागरूक लोग अपनी चिंता भी व्यक्त कर रहे हैं। अपनी रांची प्रदूषित शहरों की सूची में ऊपर चढ़ता जा रहा है। 

    प्रमुख कारणों का विश्लेषण

    रांची में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं।

    • तेज शहरीकरण और हरित क्षेत्र की कमी: विकास परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ कटाई हुई है, जिससे प्राकृतिक धूल अवशोषक कम हो गए हैं। शहर के सीमेंट के जंगल बढ़ रहे हैं।
    • वाहनों की बढ़ती संख्या: पिछले कुछ वर्षों में वाहनों में 30 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है। पुरानी डीजल गाड़ियां, ऑटो-रिक्शा और ट्रैफिक जाम से उत्सर्जन लगातार बढ़ रहा है।
    • निर्माण कार्यों से धूल: शहर में चल रहे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स से उड़ती धूल पर पर्याप्त नियंत्रण नहीं है। पानी छिड़काव या ग्रीन नेट का उपयोग कम हो रहा है।
    • मौसमी कारक: दिसंबर की ठंड में हवा की गति कम होने और तापमान इनवर्शन से प्रदूषक निचले वायुमंडल में फंस जाते हैं, स्मॉग बनता है।
    • कचरा प्रबंधन की कमी: खुले में कूड़ा जलाना, खासकर सर्दियों में, PM2.5 स्तर को अचानक बढ़ा देता है।
    • आसपास के औद्योगिक उत्सर्जन: छोटे-बड़े उद्योगों से निकलने वाला धुआं शहर तक पहुंच रहा है।

     

    pllution1

    प्रदूषण पर विशेषज्ञों और आम लोगों की चिंता बढ़ रही 

    प्रमुख पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. श्वेता कुमारी कहती हैं, रांची में बढ़ता PM2.5 स्तर फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंचा रहा है। बच्चों और अस्थमा रोगियों को बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनना चाहिए। प्रशासन को ट्रैफिक और निर्माण धूल पर सख्ती बरतनी होगी।

    कांके रोड में रहने वाली सोशल एक्टिविस्ट रंजना कुमारी का कहना है, हरित क्षेत्र की कमी सबसे बड़ा कारण है। हमें तुरंत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करना होगा। ई-व्हीकल को बढ़ावा देने और कचरा जलाने पर जुर्माना लगाने की जरूरत है।

    आम नागरिकों में भी आक्रोश है। कटहल मोड़ में रहने वाले अभिमन्यु सिंह कहते हैं, पहले रांची की हवा कितनी साफ थी, अब सुबह उठते ही धुंध दिखती है। बच्चे बाहर खेल नहीं पाते। सरकार को दिल्ली जैसा क्लीन एयर प्लान लागू करना चाहिए।

    लालपुर की प्रिया श्रीवास्तव बताती हैं, मेरे पिता को सांस की तकलीफ बढ़ गई है। डॉक्टर ने कहा प्रदूषण से है। हम मास्क पहनकर घूम रहे हैं, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है।

    सोशल मीडिया पर भी लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "रांची का AQI अब मॉडरेट से अनहेल्दी हो गया है। संवेदनशील लोगों को सावधान रहना चाहिए।"

    समाधान की दिशा में कदम

    झारखंड स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (JSPCB) ने क्लीन एयर प्लान को सख्ती से लागू करने का ऐलान किया है। प्रमुख उपाय:

    • शहर में सघन वृक्षारोपण और वर्टिकल गार्डनिंग को बढ़ावा।
    • इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी, चार्जिंग स्टेशन और पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध।
    • सभी निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन, पानी छिड़काव और डस्ट कंट्रोल अनिवार्य।
    • ट्रैफिक प्रबंधन बेहतर करना और खुले कचरा जलाने पर सख्त कार्रवाई।
    • जन जागरूकता अभियान और मॉनिटरिंग स्टेशन बढ़ाना।


    रांची को इस संकट से निकालने के लिए सरकार, प्रशासन और नागरिकों का सहयोग जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तुरंत कदम उठाए गए तो 2026 तक सुधार संभव है। नागरिक अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, मास्क पहनें और जागरूकता फैलाएं। स्वच्छ हवा हमारा अधिकार है, इसे बचाने का समय अब है।