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Ram Mandir News: 400 वर्ष पुराना है चुटिया का राम मंदिर, यहां 16वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु ने किया था निवास

Ram Mandir News वर्तमान राम मंदिर कभी उनका ही महल था। महल के चारों ओर गुफाएं थीं जहां दिन-रात पहरेदार रहा करते थे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 10:48 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 11:04 AM (IST)
Ram Mandir News: 400 वर्ष पुराना है चुटिया का राम मंदिर, यहां 16वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु ने किया था निवास
Ram Mandir News: 400 वर्ष पुराना है चुटिया का राम मंदिर, यहां 16वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु ने किया था निवास

रांची, जासं। Ram Mandir News राजधानी रांची स्थित चुटिया राम और शिव का एक अद्भुत संगम स्थान है। पूरे राज्य में ये राम भक्तों के आस्था का केंद्र है। अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए चुटिया राम मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। मंदिर के महंत गोपाल दास बताते हैं कि राज्य से राम का गहरा नाता है। चुटिया का राम मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है। 16वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु के चुटिया के राधाबल्लभ मंदिर (श्री राम मंदिर) आने व ठहरने के प्रमाण भी मिलते हैं।

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चैतन्य महाप्रभु ने झारखंड के संदर्भ में कहा था कि ‘अयं पात्रे, पयं पानम्, साल पात्रे च भोजनम्, खजूरी पात्रे शयनम्, झारखंड इति विधियते।’ यहां वक्त के साथ मंदिर में कई परिवर्तन आये हैं। उन्होंने बताया कि नागवंशी राजा रघुनाथ शाहदेव बड़े भक्त व्यक्तित्व के थे। वर्तमान राम मंदिर कभी उनका ही महल था। महल के चारों ओर गुफाएं थीं जहां दिन-रात पहरेदार रहा करते थे। राजा को जब कहीं आना जाना होता तो वो इन गुफाओं का इस्तेमाल करते थे।

यहां एक राधा कुंड था, जहां रानी स्नान किया करतीं थीं और राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना किया करती। राजा की भी आस्था कृष्ण में थी। एक बार राजा ने स्वप्न में देखा की आमूक आकृति का मंदिर बनाओ। इसके बाद राजा रघुनाथ शाहदेव ने 1687 ई में पत्थर का खूबसूरत मंदिर बनवाया और मंदिर के रख-रखाव के लिए गांव दान में दिया। बाद में राजा रघुनाथ रातू किला चले गए। इसके बाद से राम मंदिर की रक्षा और सेवा चुटियावासी ही करते आ रहे हैं।

आज दीवाली मनाएं, भजन-कीर्तन करें : स्वामी दिव्यानंद

जासं, रांची: विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता स्वामी दिव्यानंद ने कहा कि दुनिया की सबसे लंबी लड़ाई और कोर्ट में मुकदमा श्री राम मंदिर को लेकर रहा है। 592 बरसो तक विवाद चला और 69 वर्षों तक कोर्ट में मुकदमा चलता रहा, इतनी लंबी लड़ाई का परिणाम अब बड़ा ही सुखद आया है और आज वह दिन आ गया जहां हमारे प्रभु श्री राम लला का जन्म श्री अयोध्या धाम में हुआ था।

सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के पश्चात मंदिर निर्माण का कार्य आगाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों के द्वारा ऐतिहासिक शिलान्यास के रूप में हो रहा है। विडंबना है विश्व गुरु भारत वर्ष मैं श्री राम की ही धरती पर राम को ढूंढते रहे, अंततोगत्वा सत्य की विजय होती है। भगवान श्रीराम नीति, मर्यादा, सत्यता, सामाजिक समरसता शौर्य, पराक्रम के प्रतिमूर्ति हैं, और आज हम लोगों का बड़ा मीठा मिला है। पूरा भारतवासी ही नहीं, अपितु विश्व भर के हिंदू समुदाय हृदय से आह्लादित हैं।

स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने यह आवाहन किया है, जब अयोध्या धाम में शिलान्यास का कार्यक्रम चल रहा होगा, राजधानीवासी अपने अपने घरों, मंदिरों में, मठों में - श्री राम जय राम जय जय राम राम धुन या सुंदरकांड या श्री हनुमान चालीसा के साथ भजन कीर्तन में ज्यादातर समय व्यतीत करें, और संध्याकाल में दिवाली मनाएं।


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