UPSC Result 2022: पहली बार इंटरव्यू में छंट गए... अबकी यूपीएससी में लहराया परचम... जानिए, राकेश रंजन की कहानी
UPSC Success Story Rakesh Ranjan झारखंड के लोहरदगा जिले के राकेश रंजन उरांव ने यूपीएससी में सफलता हासिल की है। उनके पिता सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी हैं। मां चुन्नीलाल उच्च विद्यालय में शिक्षिका हैं। राकेश इस समय ट्राइबल इंस्टिट्यूट रांची में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।

लोहरदगा, जागरण संवाददाता। UPSC Success Story Rakesh Ranjan संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में लोहरदगा जिले के राकेश रंजन उरांव ने भी कामयाबी का परचम लहराया है। पिछली बार वह इंटरव्यू तक पहुंचकर छंट गए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। जुबान पर बस एक ही जिद... यूपीएससी किसी सूरत पर पास करना है। जिद के आगे मेहनत रंग लाई और अब वह कामयाब हो चुके हैं। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से जैसे ही सोमवार को परीक्षा परिणाम की घोषणा की गई, सफल छात्रों की सूची में अपना नाम देखकर वह खुशी से उछल पड़े। राकेश रंजन के जीवन और संघर्ष की कहानी बेहद दिलचस्प है।
रांची में ट्राइबल इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर हैं राकेश
लोहरदगा शहरी क्षेत्र के छत्तरबगीचा निवासी राकेश रंजन उरांव मूल रूप से मन्हें गांव निवासी हैं। राकेश रंजन उरांव के यूपीएससी में सफल होने से पूरा परिवार और गांव काफी खुश है। राकेश के पिता गोपाल उरांव एसबीआइ में स्पेशल असिस्टेंट के पद से सेवानिवृत हो चुके हैं। जबकि उनकी मां सुखमनी तिर्की लोहरदगा शहरी क्षेत्र के चुन्नी लाल उच्च विद्यालय में सहायक शिक्षिका हैं। राकेश वर्तमान में ट्राइबल इंस्टिट्यूट रांची में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
कई पदों पर रह चुके हैं राकेश रंजन उरांव
राकेश रंजन उरांव रांची जिले में कार्यपालक दंडाधिकारी के पद पर भी रह चुके हैं। राकेश प्रारंभ से ही प्रतिभाशाली रहे हैं। उन्होंने पांचवी झारखंड लोक सेवा आयोग में पहले प्रयास में ही सफलता पाई थी। इसके बाद वह झारखंड सरकार में अधिकारी हैं। इससे पहले राकेश नौ जुलाई 2009 से लेकर वर्ष 2016 तक एनटीपीसी में भी काम कर चुके हैं। राकेश ने वर्ष 2003 में नेतरहाट आवासीय विद्यालय से माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी। जबकि इंटर की परीक्षा संत जेवियर कॉलेज रांची से वर्ष 2005 में उत्तीर्ण की थी।
बीआइटी मेसरा से इंजीनियरिंग की डिग्री की
इंटर की परीक्षा के बाद राकेश रंजन उरांव ने बीआइटी मेसरा से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। महत्वपूर्ण बात यह है कि राकेश ने पूरी तैयारी घर पर रहकर की है। वह विवाहित हैं और उनकी दो जुड़वा बेटियां भी हैं। दो भाई और एक बहन में से राकेश की बहन रश्मि रंजना डॉक्टर हैं। जबकि छोटा भाई रितु रंजन उरांव वर्तमान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। राकेश ने जेपीएससी में सफलता के बाद भी यूपीएससी की तैयारी को जारी रखा था। उन्हें यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया लेवल पर 672वां रैंक हासिल हुआ है।
लक्ष्य के प्रति शुरू से गंभीर रहे राकेश : मां
राकेश रंजन उरांव की मां सुखमनी तिर्की का कहना है कि राकेश की सफलता से पूरा परिवार हर्षित है। राकेश प्रारंभ से ही पढ़ाई को लेकर काफी गंभीर थे। वह अपने लक्ष्य को लेकर हमेशा से समर्पित रहे हैं। उनमें यह ललक रही थी कि उसे कौन सा सपना पूरा करना है। राकेश की सफलता ने पूरे लोहरदगा जिला को गौरवान्वित करने का काम किया है।
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