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    आम लोगों के लिए खुला राजभवन उद्यान, फूलों संग इठलाए लोग Ranchi News

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Mon, 03 Feb 2020 09:05 AM (IST)

    Jharkhand. रांची स्थित राजभवन उद्यान में लोग अकबर उद्यान में गुलाबों संग सेल्फी लेते दिखे। अशोक उद्यान में धूप का लोगों ने लिया आनंद।

    आम लोगों के लिए खुला राजभवन उद्यान, फूलों संग इठलाए लोग Ranchi News

    फैक्ट फाइल

    • 100 प्रकार के गुलाब के फूल हैं उद्यान में
    • 55 प्रकार के सुगंधित पुष्प दिलो, दिमाग को करे रहे तरोताजा
    • 07 प्रकार की गुलाब की नई वेराइटी खींच रही लोगों का ध्यान
    • 10 बजे सुबह से साढ़े तीन बजे तक खुला रहेगा उद्यान का द्वार
    • 16 फरवरी तक आ सकते हैं उद्यान में
    • 52 एकड़ में फैला है उद्यान, म्यूजिकल फव्वारे और औषधीय पौधे भी हैैं आकर्षण

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    रांची, जासं। रविवार को राजभवन का नजारा बदला हुआ था। आम लोगों के लिए राजभवन का उद्यान खुला तो शहरवासियों ने इस खास मौके का खूब आनंद उठाया। रविवार की छुट्टïी गर्वनर के गार्डन में गुजरे, इससे अच्छी बात क्या हो सकती थी, सो, सैर-सपाटे के लिए लोगों ने बाकी जगह को छोड़ इसी ओर रुख किया। राज्य की सबसे बड़ी हस्ती के शाही उद्यान के फूल आज जनता-जनार्दन के स्वागत में खिलाखिला रहे थे।

    52 एकड़ में फैले बागान की खुबसूरती निहारने पहुंचे लोगों ने भी अपने दिन के शानदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अलग-अलग किस्मों के रंग-बिरंगे फूलों और खास पेड़-पौधों के बीच तस्वीर खींचने-खिंचाने से लेकर सेल्फी लेने का सुबह से शुरू हुआ दौर शाम में ही जाकर खत्म हुआ।

    उद्यान के हर कोने पर लोगों का जमावड़ा दिखा। कहीं युवा फूलों के बीच सेल्फियां लेते दिखे। तो वहीं, बुजुर्ग लोग अपने बच्चों को विभिन्न प्रजाति के फूलों के बारे में बताते नजर आए। अशोक उद्यान में लोग सर्द हवाओं के बीच गुनगुनी धूप का आनंद लेते भी दिखे। वहीं अकबर उद्यान में गुलाबों के शौकीन फूलों को निहारते दिखे।

    उद्यान में हैैं देश-दुनिया के फूलों की 200 से अधिक किस्में 

    उद्यान घूमने के लिए सुबह दस बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक का समय तक है। प्रवेश बिल्कुल निश्शुल्क है। राजभवन उद्यान में जहां 100 प्रकार के गुलाबों की वेरायटी है। वहीं कई विदेशी फूल हैं। विश्वभर के 55 प्रकार के सुगंधित व आकर्षक फूलों का बगीचा है। वहीं, इस बार सात नए मेहमान (गुलाब) भी हैं, जिन्हें उद्यान की खूबसूरती बढ़ाने के लिए दूसरे देशों से मंगाया गया है। इनमें फ्रिजिया, आयरिस, रोजमेरी, ग्लेक्सोनिया, जरबेरा, ट्यूलिफ शामिल हैं।

    पक्षियों की चहचहाहट के बीच म्यूजिकल फव्वारे का आनंद करेगा दोगुना

    राजभवन उद्यान में नौ म्यूजिकल फव्वारे भी हैं। जो यहां आने वाले दर्शकों के लिए दर्शनीय है। संगीत की मधुर धुन पर ताल मिलाते फव्वारे को देख कर लोगों की निगाहें थम जाती हैं। उद्यान में फूलों की क्यारी, अलग-अलग फलों के पेड़, विभिन्न तरह के औषधीय पौधे आकर्षण का केंद्र हैं। राजभवन के घने पेड़ों में पक्षियों की चहचहाहट लोगों को प्रकृति के करीब महसूस करवाती है। यहां कई तरह के गुलाब के पौधे हैं, जिन्हें देखने का मौका राज्‍यवासियों को सिर्फ यहां ही मिलता है।

    रुद्राक्ष और कर्पूर के पेड़ का भी कर सकते हैं दीदार

    राजभवन उद्यान में कई दुर्लभ प्रजाति के औषधीय पेड़-पौधे भी हैं, जिनकी संख्या गिनी-चुनी है। दूसरी जगह ये आसानी से देखने को नहीं मिलेंगे। यहां रुद्राक्ष, कल्पतरू, कबाबचीनी, दालचीनी, तेजपता, लौंग, घृत कुमारी, अमृतांजन, लेमन ग्रास, कर्पूर, अकरकरा, गुलमर्ग, चंदन सहित कई अन्य पौधे हैं।

    2004 में पहली बार आमलोगों के लिए खुला था राजभवन का द्वार

    झारखंड के चौथे राज्‍यपाल वेद मारवाह ने साल 2004 में राजभवन का द्वार पहली बार स्कूली बच्चों के लिए खोला था। इसके बाद साल 2005 में पांचवें राज्‍यपाल सैय्यद सिब्ते रजी ने इसका दायरा बढ़ाकर आमलोगों के लिए राजभवन का द्वार खोला। राजभवन के उद्यान को आकर्षक बनाने में सैय्यद सिब्ते रजी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

    बच्चों की तरह पेड़-पौधों का रखते हैं ख्याल

    राजभवन के उद्यान अधीक्षक अब्दुस सलाम 1990 से उद्यान को हरा-भरा बनाने में जुटे हुए हैं। कहते हैं पेड़ पौधे को बच्चों की तरह ही संवारते हैं। पिछले दो साल से जैविक खाद का ही प्रयोग होता है। उन्होंने बताया कि सितंबर से ही राजभवन खुलने की तैयारी शुरू हो जाती है।