Rahul Gandhi: कांग्रेस में नई खिचड़ी... राहुल गांधी से वन टू वन मिल रहे झारखंड के विधायक
Jharkhand Politics आरपीएन सिंंह के भाजपा में शामिल होने के बाद झारखंड की सियायत में कांग्रेस की सक्रियता कुछ ज्यादा बढ़ गई है। हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को दिल्ली बुला लिया है। मंगलवार को इनसे राहुल गांधी मिलेंगे।

रांची, राज्य ब्यूरो। Rahul Gandhi called Jharkhand MLAs आरपीएन सिंंह के भाजपा में जाने के बाद झारखंड कांग्रेस में मची ऊहापोह की स्थिति समाप्त नहीं हो रही है। नए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे के तीन दिवसीय राज्य दौरे के बाद अब नेताओं की दिल्ली दौड़ आरंभ हुई है। इस कड़ी में मंगलवार को कांग्रेस के सारे विधायक नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी से मुलाकात में विधायक अपने मन की बातें उनके समक्ष रखेंगे। विधायकों ने उनसे अलग-अलग मुलाकात की इच्छा जताई है। उनका यह भी कहना है कि आरपीएन सिंंह के कारण वे अपनी बातें आलाकमान के समक्ष नहीं उठा पा रहे थे। उनकी बातों को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया।
कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में फेरबदल का दबाव बनाएंगे विधायक
इस दौरान हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में फेरबदल का दबाव भी विधायक बना सकते हैं। विधायकों का कहना है कि उन्हें भी काम करने का मौका मिलना चाहिए। राजस्थान की तर्ज पर अधिकाधिक युवा विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाए। हालांकि मुलाकात के क्रम में सभी मंत्री भी राहुल गांधी को अपने कामकाज के बारे में जानकारी देंगे। विधायकों के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी नई दिल्ली में हैं।

विधायक डा. इरफान अंसारी ने केसी वेणुगोपाल से की मुलाकात
उधर सोमवार को नई दिल्ली में जामताड़ा के विधायक डा. इरफान अंसारी ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए। वे कांग्रेस के समर्पित सिपाही हैं। वे उन लोगों नहीं, जो दूसरी पार्टी में शामिल होकर पद लें। वे आम कार्यकर्ता बनकर भी सेवा करने को तैयार हैं।
विधायकों की सामान्य शिकायत, अधिकारी नहीं सुनते बात
कांग्रेस में मचे उथल-पुथल का असर सरकार पर भी पडऩे की पूरी संभावना है। नेताओं के मुताबिक कांग्रेस अपने एजेंडे को लेकर मुखर होगी। खासकर चुनावी वादों को पूरा करना आवश्यक है। पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर विधायकों का दबाव है। इसके अलावा सरकार के निर्णय में भी विधायक भागीदारी चाहते हैं। विधायकों की शिकायत है कि अधिकारी उनकी सुनते नहीं है। ऐसे में आमलोगों की समस्याओं का निदान करने में परेशानी आती है।
जिलों के दौरे में मंत्रियों को सुनाया खरी-खोटी
कांग्रेस के मंत्रियों की फजीहत जिलों के दौरे के क्रम में हो रही है। गढ़वा के दौरे के क्रम में मंत्री बादल को कांग्रेसियों ने खूब खरी-खोटी सुनाई। उनका गुस्सा सहयोगी दल के मंत्री पर उतरा। नाराज कार्यकर्ताओं ने यहां तक कह दिया कि मंत्री उनकी समस्याओं का निदान नहीं कर सकते तो उन्हें पद पर बने रहने का हक नहीं है।

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