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    झारखंड के जेलों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल, पुरानी तकनीक से अपराधियों को कैसे रोकेगी पुलिस

    By Madhukar KumarEdited By:
    Updated: Sat, 05 Mar 2022 04:56 PM (IST)

    जेल की सुरक्षा और जेल से संचालित होनेवाले अपराध के नियंत्रण को लेकर यह जैमर 10-15 वर्ष पूर्व जेलों में लगाया गया था। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य मोबाइल नेटवर्क को रोकना था। लेकिन तब की व्यवस्था के अनुसार सभी जैमर टू जी था।

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    जेलों में अब भी वहीं पुरानी टू जी क्षमता वाले जैमर लगे हैं,

    कोडरमा, जारण। कोडरमा समेत राज्य के अधिकतर जेलों में लगा जैमर अब बेकार हो चुके हैं।। जेल की सुरक्षा और जेल से संचालित होनेवाले अपराध के नियंत्रण को लेकर यह जैमर 10-15 वर्ष पूर्व जेलों में लगाया गया था। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य मोबाइल नेटवर्क को रोकना था। लेकिन तब की व्यवस्था के अनुसार सभी जैमर टू जी था। समय के साथ मोबाइल हाइटेक होते गए और अब उच्च क्षमता 4जी और 5जी नेटवर्क नेटवर्क सभी जगह हो गया है। अब पुराने टू जी मोबाइल बहुत कम देखे जाते हैं। लेकिन जेलों में अब भी वहीं पुरानी टू जी क्षमता वाले जैमर लगे हैं, जो उच्च कनेक्टिविटी वाले 4 वाले नेटवर्क को रोकने में कारगर नहीं है। ऐसे में यदि जेल में मोबाइल चला जाए तो बंदी बिंदास होकर बात करने के साथ-साथ इंटरनेट सेवा का भी उपयोग कर सकते हैं।

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    खतरे में जेल की सुरक्षा

    कुछ वर्ष पूर्व तक जेल से अक्सर अपराधियों के नेटवर्क संचालित करने के मामले भी सामने आते रहे हैं। हालांकि हाल के एक-दो वर्षों में इस तरह के मामला सामने नहीं आए हैं। वहीं जेल में बीच-बीच में जिले के उच्चाधिकारियों के द्वारा की गई तलाशी अभियान में भी मोबाइल या अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हुए हैं। फिर भी बेकार हो चुके जैमर को नहीं बदला गया तो यह जेल की सुरक्षा के लिए मुश्किल हो सकती है। इस संबंध में बात करने पर कोडरमा मंडल कारा के जेलर अभिषेक कुमार ने माना कि टूजी जैमर अब नई तकनीक के 4 जी मोबाइल के नेटवर्क को रोक पाने में कारगर नहीं है। पुराने जैमर को बदलने का प्रस्ताव है। राज्य के कई जेलों में इसे बदला भी गया है, लेकिन कोडरमा में अभी बदला नहीं जा सका है। लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इसे बदला जाएगा।

    क्या कहते हैं एसपी

    जेल में लगा जैमर टूजी है। यह 4 जी नेटवर्क के मोबाइल के रोकने में कारगर नहीं है। यदि जेल में 4 जी मोबाइल चला गया तो जैमर उसके नेटवर्क को नहीं रोक पाएगा। कारा प्रशासन के स्तर से इसे बदलने का प्रस्ताव भेजा गया है।

    कुमार गौरव, एसपी कोडरमा।