पतरातु-मैक्लुस्कीगंज पथ चौड़ीकरण पर घमासान, फूटा रैयतों का गुस्सा; मुआवजा शिविर का ग्रामीणों ने किया विरोध
पतरातु-हेन्देगीर-मैक्लुस्कीगंज मुख्य पथ के चौड़ीकरण को लेकर ग्रामसभा में ग्रामीणों का गुस्सा फूटा। मुआवजा दर को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया और 50 हजा ...और पढ़ें

मुआवजा शिविर का ग्रामीणों ने किया विरोध। (जागरण)
जागरण संवाददाता, पिपरवार। पतरातु-हेन्देगीर-मैक्लुस्कीगंज मुख्य पथ के चौड़ीकरण एवं जर्जर सड़क निर्माण को लेकर आयोजित ग्रामसभा उस समय तनावपूर्ण हो गई, जब मुआवजा दर को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश खुलकर सामने आ गया।
टंडवा अंचल प्रशासन द्वारा बुधवार को बचरा उत्तरी पंचायत भवन में आयोजित ग्रामसभा में भूमि अधिग्रहण के एवज में सरकार द्वारा निर्धारित 11,455 रुपये प्रति डिसमिल मुआवजा दर का ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया।
ग्रामसभा में शामिल प्रभावित रैयतों ने एक स्वर में 50 हजार रुपये प्रति डिसमिल मुआवजा देने की मांग करते हुए प्रशासन के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया।
ग्रामीणों का कहना था कि वर्तमान दर न तो बाजार मूल्य के अनुरूप है और न ही आजीविका के नुकसान की भरपाई करती है। बताया गया कि सड़क चौड़ीकरण की जद में बचरा बस्ती के समीप की आबादी एवं निजी भूमि आ रही है, जिससे कई परिवारों के घर, दुकानें और जीवनयापन के साधन प्रभावित होंगे।
इसी को लेकर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने के उद्देश्य से ग्रामसभा का आयोजन किया गया था। ग्रामसभा में 45 से 50 प्रभावित ग्रामीण उपस्थित रहे।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि जब तक मुआवजा दर में सम्मानजनक वृद्धि नहीं की जाती, तब तक वे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ने देंगे।
इस अवसर पर अंचल अमीन मोहम्मद अफजल, राजस्व कर्मचारी अंबिका रजक सहित बड़ा बाबु पौलुस आदि पदाधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने सरकार द्वारा निर्धारित दर का हवाला देते हुए प्रक्रिया को वैधानिक बताया, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी रैयतों की मांग को जायज बताते हुए प्रशासन से पुनर्विचार की मांग की। ग्रामसभा के दौरान बढ़ते विरोध के कारण मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी, जिससे प्रशासन के लिए यह परियोजना एक नई चुनौती बनकर उभर गई है।

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