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    'झारखंडी व्यंजन बनाने की विधि सोशल मीडिया पर डालें', ACS बोले- यहां की महिलाओं के हाथ में है जादू

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने झारखंडी व्यंजनों को सोशल मीडिया पर प्रचारित करने का आग्रह किया ताकि वे विश्व स्तर पर लोकप्रिय हो सकें। उन्होंने राष्ट्रीय पोषण माह के शुभारंभ पर स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान की जानकारी दी जो 2 अक्टूबर तक चलेगा। राज्य में शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने लोगों से झारखंडी व्यंजनों को अपनाने का आग्रह किया है और इसके साथ ही डिजिटल मीडिया के माध्यम से इन व्यंजनों को प्रचारित करने का आग्रह भी किया।

    झारखंडी व्यंजनों का इंपैक्ट ग्लोबल हो इसके लिए व्यंजनों के बनाने की विधि सोशल मीडिया पर डालें ताकि पूरे भारतवर्ष सहित विदेशों में लोग इसे अपनायें।

    अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड में सौ से भी अधिक झारखंडी व्यंजन हैं जिसे बनाने में ग्रामीण महिलाओं की बड़ी भूमिका है, उनके हाथ में जादू है। सोशल मीडिया के माध्यम से इसका ग्लोबल इफेक्ट होगा।

    गुरुवार को आठवें राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ करते हुए अजय कुमार सिंह ने कहा कि स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान दो अक्टूबर तक चलेगा। इस कार्यक्रम की सफलता की जिम्मेदारी ग्रामीण स्तर पर कार्य करने वाली आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहियाओं पर है।

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    उन्हें ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों पर ले जाकर उनके स्वास्थ्य की जांच करानी है। यह कार्यक्रम माता-बहनों पर फोकस है। जांच के बाद उन्हें दवाइयां भी मुफ्त उपलब्ध कराई जाएंगी।

    शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्यु दर के मामले में हम राष्ट्रीय औसत से बेहतर 

    अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में बेशक डॉक्टरों की कमी है लेकिन झारखंड राज्य शिशु मृत्यु दर एवं मातृत्व मृत्यु दर के मामले में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में हैं। जबकि संस्थागत प्रसव के मामले में हम पीछे हैं, जिसमें सुधार करने की जरूरत है।

    पोषण माह में सभी जिला के समाज कल्याण पदाधिकारी, स्वास्थ्य चिकित्सा पदाधिकारी और आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहियाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। सभी को एक साथ मिलकर 15 दिन काम करना हैं। इस दौरान झारखंड में हर दिन 4000 कैम्प लगाए जाएंगे।

    महिलाओं को समझना होगा की आप किस प्रकार से अपने आहार में पौष्टिक आहार को शामिल कर सकती हैं। आप स्वस्थ रहेंगी तो आपके बच्चे भी स्वस्थ रहेंगे। झारखंड में ये और भी ज्यादा जरूरी है क्योंकि यहां कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याएं हैं।

    इस मौके पर समाज कल्याण विभाग के सचिव मनोज कुमार ने कहा कि हमें विकसित झारखंड बनाना है। बिना महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के स्वस्थ भारत, स्वस्थ झारखंड की कल्पना नहीं कर सकते हैं। आधी आबादी का स्वास्थ्य बेहतर हो इसी के तहत यह अभियान चलाया जा रहा है।

    झारखंड में सभी आंगनबाड़ी सेविका, सहिया दीदी, स्वास्थ्य कर्मचारी का बेहतर प्रदर्शन रहा है। प्राथमिक जांच में सभी आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका की भूमिका महत्वपूर्ण है।

    वे अपने क्षेत्र की महिलाओं को निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाएं और उनकी प्रत्येक जांच करायें। अपनी थाली को हरा भरा करना है। सभी प्रकार के ग्रीन वेजिटेबल को शामिल करना है।