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    लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने झारखंड के आला अफसरों को किया तलब, ये है पूरा मामला

    By Pradeep singh Edited By: Shashank Shekhar
    Updated: Wed, 10 Jan 2024 06:17 PM (IST)

    लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने झारखंड के मुख्य सचिव पुलिस महानिदेशक आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव देवघर के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को पूछताछ के लिए बुलाया है। इन सभी से 12 जनवरी को पूछताछ होगी। इसे लेकर लोकसभा सचिवालय ने आदेश जारी किया है। दरअसल गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राज्य सरकार के प्रमुख अधिकारियों को लेकर शिकायत की थी।

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    लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने झारखंड के आला अफसरों को किया तलब, ये है पूरा मामला

    राज्य ब्यूरो, रांची। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने झारखंड के मुख्य सचिव एल खियांग्ते, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, सचिव अमिताभ कौशल, देवघर के उपायुक्त विशाल सागर और देवघर के पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग को तलब किया है। गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर राज्य सरकार के इन अधिकारियों को लोकसभा की विशेष समिति के समक्ष 12 जनवरी को उपस्थित होने को कहा गया है।

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    लोकसभा के उप सचिव बाला गुरु जी. ने इससे संबंधित कार्यालय आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष को गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पत्र लिखकर राज्य सरकार के अधिकारियों के आचरण की शिकायत की थी। उन्होंने लिखा था कि अधिकारी प्रोटोकाल का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने पद के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया था।

    भाजपा के सांसदों-विधायकों को काम करने से रोक रहे

    लोकसभा अध्यक्ष को की गई शिकायत में गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि दिसंबर 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जब सरकार बनी तो राजनीतिक कारणों से भाजपा के सांसदों और विधायकों को टारगेट किया गया।

    सीएम ने नीचे से लेकर ऊपर तक के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि भाजपा के सांसद और विधायक अपने क्षेत्र में किसी भी कीमत पर काम नहीं कर पाएं। अगर आवश्यकता पड़े तो उनके विरुद्ध थाने में प्राथमिकी तक दर्ज कराई जाए।

    उनके मुताबिक, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सारे अधिकारी इस दिशा में कार्य करने लगे। उन्हें सबसे ज्यादा टारगेट अधिकारियों ने किया। पुलिस विभाग, राजस्व विभाग और उद्योग विभाग तक के अधिकारियों की इसमें संलिप्तता रही। ऐसा कर ये अधिकारी सीएम के करीबी और विश्वासपात्र बन गए। उनके विरुद्ध सर्वाधिक एफआइआर दर्ज कराए गए।

    क्षेत्र में जाने के दौरान जान से मारने तक की धमकी दी गई। अधिकांश अधिकारियों ने मेरे विरुद्ध कार्य किए। कई बार इसकी शिकायतें लोकसभा अध्यक्ष को की गई। इस सिलसिले में जितने अधिकारी पूर्व में लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष आए उन्होंने क्षमा मांगी।

    देवघर के जरमुंडी में हाल ही में गौ तस्करों को पकड़कर सौंपने के कारण मुकदमा कर दिया गया। इसके अलावा देवघर में यातायात पुलिस के गलत रवैये का विरोध करने का मेरे साथ-साथ आरएसएस के वरीय अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराया गया।

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