Jharkhand News: 1 सितंबर से 148 साल पुरानी रजिस्ट्री सेवा होगी बंद, लोगों की जेब पर पड़ेगा असर
भारतीय डाक विभाग ने 1 सितंबर से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को बंद करने का फैसला किया है जिससे 148 साल पुरानी यह सेवा अब इतिहास बन जाएगी। आधुनिकता की ओर बढ़ते हुए अब केवल स्पीड पोस्ट सेवा ही उपलब्ध रहेगी लेकिन इससे आम लोगों की जेब पर असर पड़ेगा क्योंकि स्पीड पोस्ट रजिस्ट्री से अधिक महंगी है।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। भारतीय डाक विभाग ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए एक सितंबर से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को बंद करने की घोषणा की है। 148 साल पुरानी इस भरोसेमंद सेवा की जगह अब केवल स्पीड पोस्ट सेवा उपलब्ध होगी।
विभाग का कहना है कि यह कदम आधुनिकता और तेज सेवाओं की दिशा में उठाया गया है, लेकिन इससे न केवल एक परंपरा का अंत होगा, बल्कि आम लोगों की जेब पर भी असर पड़ेगा। लोकल स्पीड पोस्ट का शुल्क 41 रुपये है, जबकि रजिस्ट्री का मात्र 22 रुपये।
दूरी बढ़ने पर रजिस्ट्री की लागत भी बढ़ती थी, लेकिन स्पीड पोस्ट उससे अधिक महंगी पड़ेगी। इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। कई वरिष्ठ नागरिकों ने इस बदलाव पर अफसोस जताते हुए कहा कि रजिस्टर्ड डाक सेवा से उनकी यादें और भावनाएं जुड़ी हैं।
शादी के निमंत्रण पत्र, सरकारी दस्तावेज, कोर्ट के सम्मन और अन्य महत्वपूर्ण पत्र वर्षों तक रजिस्ट्री के माध्यम से ही भेजे और प्राप्त किए जाते थे।
धीमी सेवाओं को बंद कर रहा डाक विभाग
भारत में डाक सेवा की शुरुआत अंग्रेजों ने 1766 में कराई थी। स्वतंत्रता के बाद 1877 में डाक विभाग ने रजिस्ट्री, वीपीपी और पार्सल सेवा एक साथ शुरू की। लगभग 148 साल पुरानी यह सेवा कोर्ट कागजात, नौकरी के पत्र, शादी के कार्ड, निमंत्रण पत्र जैसी अहम और संवेदनशील सामग्री के सुरक्षित आदान-प्रदान के लिए जानी जाती रही है।
रजिस्ट्री की विशेषता यह थी कि डाकिया पत्र केवल उसी व्यक्ति को सौंपता था, जिसके नाम से वह भेजा गया है। जबकि स्पीड पोस्ट में परिवार का कोई भी सदस्य पत्र प्राप्त कर सकता है। डाक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग लगातार आधुनिक सेवाओं की ओर बढ़ रहा है।
डिजिपिन, घर से पार्सल पिकअप और फास्ट डिलीवरी जैसे विकल्पों के चलते अब धीमी सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा रहा है। रजिस्ट्री सेवा भी इसी क्रम में बंद की जा रही है।
आधुनिक सॉफ्टवेयर से काम में आएगी तेजी
डाक विभाग में 23 जुलाई से लागू हुए आईटी 2.0 सॉफ्टवेयर के चलते फिलहाल कामकाज धीमा हो गया है। कई लोग डाकघर में अपने कार्य के लिए अधिक समय बिता रहे हैं या बिना कार्य निपटाए लौट रहे हैं। विभाग का दावा है कि इस अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर से भविष्य में डाकघर के कामकाज में तेजी आएगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
फिलहाल सर्वर स्लो होने से पैसा जमा करने, निकासी और अन्य लेन-देन में देरी हो रही है। 21 जुलाई को नए सर्वर की लॉन्चिंग के दिन डाकघरों में कामकाज पूरी तरह बंद रहा था और अगले दिन से सामान्य संचालन शुरू हुआ।
डाक विभाग लगातार अपनी सेवाएं आधुनिक बना रहा है। डिजिपिन, होम पिकअप और फास्ट डिलीवरी जैसे विकल्पों से लोग जुड़ रहे हैं। ऐसे में पुरानी, धीमी सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से बंद किया जा रहा है। अब लोग अपने घर से ही स्पीड पोस्ट, पार्सल और अन्य सेवाओं की ऑनलाइन बुकिंग कर रहे हैं। बुकिंग के बाद डाकिया घर से पार्सल लेकर डिलीवरी के लिए भेज देता है। -संजय कुमार सुगम, डाक अधीक्षक, पलामू डाक परिमंडल।
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