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    Lalu Yadav दोहराएंगे 2019 वाला 'खेल'? झारखंड में कांग्रेस और RJD में नहीं बन रही बात

    Updated: Mon, 08 Apr 2024 06:55 PM (IST)

    लोकसभा चुनाव का रणभेरी बज चुका है। सभी पार्टियां जीत को लेकर अपनी-अपनी रणनीति बनाने लगे हैं। वहीं झारखंड में अब महागठबंधन में लालू यादव की राजद और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर अब तक बात नहीं बन पाई है। राजद ने 14 सीटों में चार सीटों पर दावेदारी ठोकी थी। अब महागठबंधन की ओर से एक सीट ऑफर की जा रही है।

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    Lalu Yadav दोहराएंगे 2019 वाला 'खेल'? झारखंड में कांग्रेस और RJD में नहीं बन रही बात (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को झारखंड में कोई भाव नहीं दे रहा है। बिहार में साथी दलों पर हावी लालू यादव की राजद का झारखंड में हाल अलग है। यहां एक सीट से अधिक पर बात करने को भी झामुमो और कांग्रेस राजी नहीं है।

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    राजद की स्थिति इतनी कमजोर है कि चार सीट मांगने पर एक सीट मिलना पक्का हुआ है। गठबंधन दलों की बैठकों तक में राजद की पूछ नहीं हो रही। प्रदेश नेतृत्व हर निर्णय में लालू परिवार का मुंह देखता है।

    झारखंड में चार सीटों पर RJD ने की दावेदारी

    चुनाव की घोषणा से पूर्व राजद ने झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से चार सीटों पर अपनी दावेदारी की थी। इन सीटों में पलामू, चतरा, कोडरमा व गोड्डा संसदीय सीट शामिल थी। इसी बीच आइएनडीआइ गठबंधन दल में शामिल भाकपा को एक सीट कोडरमा दे दिया गया, जहां से पार्टी से बगोदर के विधायक विनोद सिंह को प्रत्याशी के रूप में उतार दिया गया है।

    राजद ने गोड्डा सीट से अपनी दावेदारी भी वापस ले ली। राजद के लिए अब तक केवल पलामू सीट ही फाइनल हो पाया है, जहां पार्टी ने ममता भुइयां को चुनाव मैदान में उतार दिया है। राजद व कांग्रेस के बीच चतरा सीट फंसा हुआ है। झारखंड राजद के नेता अपने पार्टी सुप्रीमो की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं।

    अनिर्णय की स्थिति बनी है, इसलिए कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। चतरा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए राजद अलग तैयार बैठा है तो कांग्रेस उस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं है।

    2019 चुनाव में चतरा सीट पर हुआ था RJD-कांग्रेस में दोस्ताना संघर्ष

    2019 के लोकसभा चुनाव में चतरा सीट पर राजद व कांग्रेस के बीच दोस्ताना संघर्ष हुआ था। उस चुनाव में भी कांग्रेस ने राजद को चतरा सीट नहीं दिया था। 

    अनिर्णय की स्थिति बन गई थी तब राजद ने बिना सीट मिले ही चतरा से सुभाष यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था तब राजद व कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी चतरा से हारे थे और वहां से भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली थी।

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