झारखंड में बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण ने बढ़ाई पुलिस की चिंता, पुलिसवालों को दिए गए ये निर्देश
Jharkhand Coronavirus News झारखंड के बाजार और भीड़भाड़ वाले इलाके में शारीरिक दूरी का पालन कराना बड़ी चुनौती है। साथ ही संक्रमण से खुद को बचाने की भी ...और पढ़ें

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में पिछले दो-तीनों दिनों से कोरोना वायरस के बढ़ रहे संक्रमण ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। पुलिस के समक्ष बाजार व भीड़भाड़ वाले इलाके में शारीरिक दूरी का पालन कराने के साथ-साथ खुद को भी संक्रमण से बचाने की चुनौती है। यही वजह है कि उन्हें विशेष सतर्कता के साथ ड्यूटी का पालन करने को कहा गया है। अवकाश से लौटने वाले पुलिसकर्मियों के लिए स्वास्थ्य विभाग से पूर्व में जारी दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।
इसके तहत अवकाश से लौटने वाले पुलिसकर्मियों को एक सप्ताह तक आइसोलेशन में रहना होगा। साथ ही आरटीपीसीआर जांच भी करानी होगी। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें बैरक में दाखिला मिलेगा और उनकी ड्यूटी शुरू होगी। पुलिस मुख्यालय के इस आदेश का सख्ती से पालन किया जा रहा है। इधर, डीजीपी ने कोरोना काल में बेहतर करने वाले पुलिसकर्मियों व पदाधिकारियों की पीठ भी थपथपाई है।
बताते चलें कि राज्य में कुल 7,765 पुलिस पदाधिकारी व पुलिसकर्मी संक्रमित हुए थे। इनमें से 43 की जान चली गई। इधर, झारखंड पुलिस कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सड़क पर चलने वालों की सिर्फ मास्क की जांच कर रही है। उधर, भीड़भाड़ वाले इलाके, बाजार आदि में शारीरिक दूरी का अनुपालन नहीं के बराबर हो पा रहा है, जो तीसरी लहर को आमंत्रित कर रहा है।
झारखंड में 24 प्रतिशत लोगों को लगा पहली डोज का टीका
राज्य में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है। राज्य में वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर प्रत्येक दिन 80 हजार से सवा लाख के बीच प्रतिदिन टीकाकरण हो रहा है। इसके बावजूद झारखंड अन्य राज्यों से टीकाकरण में पिछड़ रहा है। अबतक के टीकाकरण की बात करें तो राज्य में कुल आबादी में से लगभग 24 प्रतिशत को ही पहली डोज का टीका लग सका है। इस मामले में बड़े राज्यों में बिहार और उत्तर प्रदेश ही झारखंड से पीछे है।
दोनों डोज के टीकाकरण में भी यही हाल है। राज्य की कुल आबादी में 5.8 प्रतिशत को ही दोनों डोज का टीका लग सका है। विभिन्न आयु वर्ग की बात करें तो 60 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 50 प्रतिशत बुजुर्गों को ही पहली डोज का टीका लगा है। आधे बुजुर्गों को अभी भी पहली डोज का भी टीका नहीं लगा है। 18 से 44 वर्ष आयु के 29 प्रतिशत युवाओं तथा 45 से 59 वर्ष आयु वर्ग के 43 प्रतिशत को ही पहली डोज का टीका लग सका है। इस तरह, अभी भी बड़ी आबादी पहली डोज के टीका से ही वंचित हैं।
कई राज्यों में टीकाकरण की रफ्तार तेज
देश में कई राज्य ऐसे हैं, जहां आधी से अधिक आबादी को पहली डोज का टीका लग चुका है। इनमें गोवा (72.6 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (68.8 प्रतिशत), त्रिपुरा (61.8), मिजोरम (55.5 प्रतिशत), केरल (50.9 प्रतिशत), उत्तराखंड (50.1 प्रतिशत) शामिल हैं।

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