Palamu News: गवाही से भागने वाले पुलिस अफसरों की खैर नहीं, जोनल आइजी सख्त
पलामू जोनल आइजी सुनील भास्कर ने सख्त तेवर दिखाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि मुकदमों में गवाही नहीं देने या अभियोजन को हल्के में लेने वाले अफसरों पर कार्रवाई तय है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि हर महीने छह मुकदमों की अपील संबंधित जिला पुलिस द्वारा की जाए।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू) । मुकदमों में पुलिस की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं होगी। गवाही से बचने वाले अफसरों की अब खैर नहीं।
पलामू जोनल आइजी सुनील भास्कर ने सख्त तेवर दिखाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि मुकदमों में गवाही नहीं देने या अभियोजन को हल्के में लेने वाले अफसरों पर कार्रवाई तय है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि हर महीने छह मुकदमों की अपील संबंधित जिला पुलिस द्वारा की जाए।
बुधवार शाम हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में आइजी सुनील भास्कर ने पलामू रेंज के डीआइजी नौशाद आलम, पलामू एसपी रीष्मा रमेशन, गढ़वा एसपी अमन कुमार और लातेहार एसपी कुमार गौरव के साथ लंबी चर्चा की।
बैठक में तीनों जिलों के लंबित मुकदमों, ट्रायल में असफल मामलों और पुलिस की गवाही की स्थिति की गहन समीक्षा की गई।
हर जिले को दो मुकदमे चिन्हित कर अपील में भेजने का निर्देश
आइजी ने निर्देश दिया कि पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले हर महीने दो-दो मुकदमे चिह्नित करें, जिनका ट्रायल असफल रहा हो। ऐसे मामलों की विवेचना, साक्ष्य और गवाहों की स्थिति की दोबारा समीक्षा कर इन्हें उच्च न्यायालय में अपील में भेजा जाएगा।
ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके। आइजी भास्कर ने कहा कि कई मुकदमे इसलिए कमजोर पड़ जाते हैं क्योंकि संबंधित पुलिस अफसर समय पर कोर्ट में गवाही देने नहीं पहुंचते।
उन्होंने कहा कि अब ऐसी लापरवाही पर सीधे कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को चिह्नित कर विभागीय अनुशासनात्मक प्रक्रिया चलाई जाएगी।
हाईवे पर हादसे रोकने के लिए नई पहल
सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। नेशनल हाइवे पर बढ़ते हादसों को लेकर चिंता जताई गई। निर्णय लिया गया कि हाइवा, ट्रक व भारी वाहनों के ड्राइवरों की ब्रेथ एनालाइजर से जांच की जाएगी।
इसके साथ ही सभी रोलिंग बैरियर पर पुलिस का लोगो लगाने का निर्णय लिया गया ताकि दृश्यता बढ़े और चालक सतर्क रहें। आइजी ने बताया कि ‘प्रतिबिंब पोर्टल’ को लेकर भी विस्तृत निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट टास्क दिया गया है कि वे पोर्टल पर अद्यतन जानकारी अपलोड करें, ताकि केस ट्रैकिंग में पारदर्शिता और गति लाई जा सके।
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