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    सावधान! दवा के नाम पर दिए जा रहे 'जहर', जानलेवा गंभीर बीमारियों की भी दवाएं नकली, नमूने की जांच कराएगा स्वास्थ्य विभाग

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 08:32 AM (IST)

    झारखंड में ब्रांडेड दवाओं के नाम पर नकली और फर्जी दवाओं का कारोबार फल-फूल रहा है। ऐसी दवाएं जानलेवा साबित हो सकती हैं। दवा निर्माता कंपनियों से लेकर आम उपभोक्ताओं तक की इस संदर्भ में शिकायतों के मद्देनजर सरकार ने सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं और इसे लेकर कड़ा रुख अपनाया है। स्वास्थ्य मंत्री ने दवाओं के नमूने जांच के सख्त आदेश जारी किए हैं।

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    जानलेवा गंभीर बीमारियों की भी दवाएं नकली, सरकार कराएगी व्यापक स्तर पर नमूने की जांच।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में ब्रांडेड दवाओं के नाम पर नकली और फर्जी दवाओं का कारोबार फल-फूल रहा है। ऐसी दवाएं जानलेवा साबित हो सकती हैं।

    दवा निर्माता कंपनियों से लेकर आम उपभोक्ताओं तक की इस संदर्भ में शिकायतों के मद्देनजर सरकार ने सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं और इसे लेकर कड़ा रुख अपनाया है।

    स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी ने दवाओं के नमूने इकट्ठा करने और जांच के सख्त आदेश जारी किए हैं। इससे न केवल राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत होगी, बल्कि अवैध धंधे पर नकेल भी कसेगा।

    कई प्रमुख दवा निर्माता कंपनियों ने भी समय-समय ऐसी शिकायतें दर्ज कराई गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनके ब्रांडेड उत्पादों के नाम पर नकली दवाएं बेची जा रही हैं।

    फर्जी दवाएं गुणवत्ता के मानकों खरे नहीं उतरतीं

    इसमें दर्द निवारक पेनकिलर, बुखार की दवाएं, प्लेटलेट बढ़ाने वाली दवाएं, शुगर व थायरायड की दवाएं, गर्भनिरोधक गोलियां और विटामिन सप्लिमेंट्स जैसी प्रमुख दवाओं पर बड़े पैमाने पर अवैध कारोबारियों का कब्जा हो गया है।

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    इन फर्जी दवाओं में न तो सही मात्रा में सक्रिय तत्व होते हैं, न ही गुणवत्ता मानक। परिणामस्वरूप, मरीजों की जान पर आफत बन आती है।

    अवैध धंधेबाज छोटे-मोटे कारखानों में निम्न गुणवत्ता वाली दवाएं बनाकर बड़े ब्रांडों के लेबल चिपका देते हैं। इससे प्रतिष्ठित दवा कंपनियों का बाजार हिस्सा कम हो रहा है।

    साथ ही उपभोक्ताओं का विश्वास डगमगा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए ड्रग इंस्पेक्टरों को सतर्क किया है।

    जांच के लिए भेजे जाएंगे संदिग्ध दवाओं के नमूने

    संदिग्ध दवाओं के नमूने जब्त कर टेस्टिंग लैब में जांच के लिए भेजे जाएंगे। नमूनों की जांच में यदि नकली दवा पाई गईं तो संबंधित दुकानों के लाइसेंस रद कर दिए जाएंगे और कानूनी कार्रवाई होगी।

    इस अभियान से न केवल नकली दवाओं पर रोकथाम लेगी, बल्कि गुणवत्ता नियंत्रण को भी बल मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी ने पूर्व में ही निर्देश दिया है कि दवाओं में क्यू आर कोड आवश्यक है।

    क्यूआर कोड से दवा की असली पहचान, बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट की जानकारी मिलेगी। बिना रजिस्ट्रेशन वाली दुकानों को सील किया जाएगा।

    कई राज्यों में नकली दवाओं से मौतों के मामले सामने आने के बाद झारखंड में सतर्कता बरतना आवश्यक हो गया है। उन्होंने सभी अधिकारियों को ईमानदारी से जांच करने का निर्देश दिया है।