Jharkhand News: मानव तस्करी और भूखमरी के खिलाफ लड़ेंगे PLV, JHALSA लोगों को कानूनी सहायता व सरकारी योजनाओं का दिलाएगी लाभ
झालसा लोगों को कानूनी सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ राज्य में मानव तस्करी व भुखमरी पर रोक लगाने की योजना पर काम कर रहा है। झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस एसएन प्रसाद की पहल पर राज्य के सुदूर इलाकों में तस्करी और भुखमरी की स्थिति पर नजर रखने के लिए स्थानीय लोगों को पीएलवी (पारा लीगल वालेंटियर) के जरिए से जोड़ा जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झालसा (JHALSA) लोगों को कानूनी सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ मानव तस्करी और भुखमरी पर रोक लगाने की योजना पर काम कर रहा है।
झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस एसएन प्रसाद की पहल पर राज्य के सुदूर इलाकों में स्थानीय लोगों को पीएलवी (Para Legal Volunteer) के माध्यम से जोड़ा जा रहा है ताकि उस क्षेत्र में मानव तस्करी और भुखमरी की स्थिति पर नजर रखी जा सके।
आदिम जनजाति को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान किया
जस्टिस एसएन प्रसाद ने हाल के दिनों में ग्रामीण इलाकों में जागरूकता शिविर लगाकर आदिम जनजाति को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान किया है।
राज्य में पीएलवी की नियुक्ति की जाती है, जो जिला विधिक सेवा प्राधिकार के साथ मिलकर काम करते हैं। पीएलवी लोगों को कानूनी सहायता और सरकार योजनाओं का लाभ दिलाने का काम करते हैं।
रेलवे स्टेशन पर तैनात रहेंगे पीएलवी
राज्य में पलायन एक बड़ी समस्या है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो हर साल नौ लाख लोग राज्य से बाहर जाकर अपना जीवनयापन करते हैं। इसका फायदा उठाकर मानव तस्कर नाबालिग बच्चों को बड़े शहरों में बेच देते हैं। जांच में बात साबित हो चुकी है कि मानव तस्करी में बच्चों के करीबी रिश्तेदारों का हाथ होता है।
मोटी कमाई का लालच देकर उन्हें दिल्ली, मुंबई सहित अन्य जगहों पर भेज देते हैं। मानव तस्कर रेल और बस से ही बच्चों को दूसरे शहर ले जाते हैं। ऐसे में झालसा की ओर से अब रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर पीएलवी तैनात किए जा रहे हैं, ताकि किसी संदिग्ध गतिविधि पर पुलिस को इसकी सूचना दी जा सके। इसकी रिपोर्ट भी झालसा के साथ साझा की जाती है।
स्थानीय भाषा जानने वालों को प्राथमिकता
पीएलवी की नियुक्ति में स्थानीय भाषा जानकार को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि वे लोगों स्थानीय भाषा में ही गांव वालों को साथ संपर्क स्थापित कर सकें।
पीएलवी मानव तस्करी के शिकार परिवार के साथ मिलते-जुलते रहते हैं और उन्हें कानूनी मदद दिलाते हैं। पीएलवी के अलावा झालसा की ओर से लीगल कैडेट्स भी बनाए गए हैं। इसमें स्कूली बच्चों को शामिल किया गया है।
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