Hemant Soren: शेल कंपनियों में फर्जी लेनदेन की याचिका सुनवाई योग्य... सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन
Hemant Soren News झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मामला शेल कंपनियों के जरिए निवेश से संबंधित है। याचिका दायर कर जांच की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाईकोर्ट ने सुनवाई योग्य माना है।

रांची, राज्य ब्यूरो। शेल कंपनियों में निवेश के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच की मांग वाली जनहित याचिका को सुनवाई योग्य ठहराने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जनहित याचिका में सोरेन के परिवार के सदस्यों और उनसे जुड़े लोगों द्वारा संचालित शेल कंपनियों के जरिए फर्जी लेनदेन का आरोप लगाया गया है। झारखंड हाई कोर्ट ने तीन जून के अपने आदेश में कहा था कि यह स्थापित राय है कि याचिकाएं सिर्फ इस वजह से रद नहीं की जा सकती हैं कि वह सुनवाई योग्य नहीं हैं।
अदालत अपनी आंख नहीं मूद सकती
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जनहित याचिका में सीएम हेमंत सोरेन, उनके भाई बसंत सोरेन और अन्य करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश करने और उसके जरिए अन्य जगहों पर होटल, माल सहित अन्य संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप लगाया है। ऐसे में अदालत याचिका में तकनीकी कमियों के कारण इस मामले में अपनी आंख नहीं मूंद सकती है। लोकहित के लिए इस मामले की मेरिट पर सुनवाई की जाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई के अपने आदेश में हाई कोर्ट से कहा था कि वह हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच की मांग वाली याचिका पर पहले उन प्रारंभिक आपत्तियों का निपटारा करे कि याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं।
हाईकोर्ट में दस जून को हुई थी सुनवाई
इसके बाद हाई कोर्ट ने सरकार की आपत्तियों पर सुनवाई करते हुए याचिका को सुनवाई योग्य माना था। इसको लेकर दस जून को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। उस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने का निर्णय लिया है। संभावना जताई जा रही है कि हेमंत सोरेन को लीज आवंटित करने के मामले में भी झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी। फिलहाल हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। क्योंकि सीएम हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने लीज आवंटन मामले में याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इस मामले में भी हाई कोर्ट ने याचिका को सुनवाई योग्य मानते उनकी दलीलों को खारिज कर दिया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।