रांची के चुटिया में रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज नहीं बनने से परेशान हैं लोग, घंटों जाम में फंसने को मजबूर
चुटिया में पावर हाउस रोड पर रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज को अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। कई साल से चुटिया के कृष्णापुरी द्वारिकापुरी अयोध्यापुरी रेलवे ...और पढ़ें

रांची [मुजतबा हैदर रिजवी ] । चुटिया में पावर हाउस रोड पर रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज को अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। कई साल से चुटिया के कृष्णापुरी, द्वारिकापुरी, अयोध्यापुरी, रेलवे कॉलोनी, अमरावती आदि इलाके के लोग पावर हाउस रोड पर पावर हाउस के पास रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, रेलवे के अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं। इलाके के लोगों ने दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर यहां रेलवे ओवरब्रिज बनाने की मांग की है ताकि उनकी समस्या का हल निकल सके।
इसके पीछे इलाके के लोगों का ही आपसी विवाद है। दरअसल चुटिया के लोगों को आशंका है कि अगर यहां रेलवे ओवरब्रिज बनेगा तो सड़क चौड़ीकरण की जद में आ कर उनकी दुकानें टूट जाएंगी। इसीलिए यह लोग विरोध करते हैं और इसी विरोध में पावर हाउस का रेलवे ओवर ब्रिज का प्रस्ताव फंस कर रह गया है। कृष्णापुरी, द्वारिकापुरी, अयोध्यापुरी आदि इलाके के लोगों ने कई बार पावर पावर हाउस के पास रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने को लेकर धरना प्रदर्शन किया। रेलवे के अधिकारियों से मिले।
लेकिन, उनकी समस्या का हल अब तक नहीं निकला है। चुटिया में रेलवे क्रॉसिंग के उस पार तकरीबन आधा दर्जन कालोनियां हैं। इनमें दो लाख से अधिक की आबादी रहती है। इन लोगों को अपने सभी कामों के लिए रेलवे क्रॉसिंग पार कर चुटिया की तरफ आना पड़ता है। रेलवे क्रॉसिंग पर कभी-कभी आधा से एक घंटे तक फाटक बंद रहता है। इससे लोगों को परेशानी होती है। कृष्णापुरी के रमेश कुमार बताते हैं कि वह अपने जॉब पर दफ्तर जाने के लिए 8:30 बजे घर से निकलते हैं। तब जाकर 10 बजे तक कंपनी पहुंच पाते हैं। अक्सर चुटिया का रेलवे क्रॉसिंग का फाटक बंद रहता है। इससे वहां उन्हें आधे घंटे से लेकर एक घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। अयोध्यापुरी के सुनील साहू का कहना है कि कोरोना काल में स्कूल बंद हैं।
लेकिन जब स्कूल खुले रहते हैं तो अभिभावकों को अपने घर से स्कूल के समय से डेढ़ से 2 घंटा पहले निकलना पड़ता है। इससे उनका समय बर्बाद होता है। लोग काफी परेशान हैं। यह फाटक ज्यादातर बंद ही रहता है। क्योंकि नजदीक में ही रेलवे के कई कार्यालय हैं। यहां अक्सर ट्रेनों में इंजन लगाने का काम होता है। अक्सर खाली इंजन इधर से उधर जाता है और आधे घंटे तक रेलवे फाटक बंद रहता है। तकरीबन चार महीना पहले कृष्णापुरी और द्वारिकापुरी के लोगों ने रेलवे क्रासिंग के समीप धरना प्रदर्शन कर यहां रेलवे ओवरब्रिज बनाने की मांग जोरशोर से उठाई थी। लेकिन उसी वक्त इधर चुटिया के लोगों ने रेलवे ओवरब्रिज नहीं बनाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे द्वारिका पुरी और अयोध्यापुरी वालों की मांग दब गई। द्वारिका पुरी के लोगों ने अपनी मांगों से अवगत कराने के लिए झामुमो नेता महुआ माजी को बुलाया था।
महुआ माजी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचीं और लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्हें जल्द धरातल पर उतारने का आश्वासन दिया था। इसके बाद इस पार चुटिया के लोगों ने भी महुआ माजी से संपर्क किया और उन्हें बुलाया। उन्हें अपनी समस्या बताईं। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। द्वारिकापुरी के रोहित कुमार बताते हैं कि कई बार रेलवे के अधिकारियों से भी बात की गई। लेकिन उनका कहना है कि इस ओवरब्रिज का विरोध हो रहा है। इसलिए वह लोग भी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते। गौरतलब है कि पिछले साल रेलवे ने कृष्णा पुरी और अयोध्यापुरी के लोगों की मांग पर गौर करते हुए ओवरब्रिज बनाने के लिए सर्वे शुरू कर दिया था लेकिन चुटिया के लोगों के विरोध के बाद मामला दब गया। अब कृष्णापुरी, द्वारिकापुरी आदि इलाके के लोगों ने दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर चुटिया में पावर हाउस के पास रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवर ब्रिज को मंजूरी दिलाने की मांग की है।
आयल डिपो के पास रेलवे बना सकता है ओवर ब्रिज
रेलवे अगर चाहे तो अयोध्यापुरी और द्वारिकापुरी समेत आसपास की बस्तियों की दो लाख आबादी की समस्या को हल कर सकता है। रेलवे स्टेशन के करीब आयल डिपो के पास रेलवे पटरी के दोनों तरफ रेलवे की अपनी जमीन है। यहां वह रेलवे ओवरब्रिज बना सकता है। इससे द्वारिकापुरी, कृष्णापुरी, अयोध्यापुरी, रेलवे कॉलोनी, अमरावती आदि कॉलोनी के लोगों को आसानी हो जाएगी और वह लोग तेल डिपो के पास बने ओवरब्रिज से उस पार निकल जाया करेंगे। कृष्णापुरी के राजू गिरी का कहना है कि रेलवे को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और तेल डिपो के पास ओवरब्रिज का खाका तैयार करना चाहिए।

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