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    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं मिलतीं लोगों को पर्याप्त सुविधाएं

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 31 Mar 2019 06:48 AM (IST)

    रांची शहर और इसके अंतर्गत सभी प्रखंडों व गांवों में भी प्रारंभिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाएं नहीं हैं। इसके बाद भी मुद्दा चुनाव के दौरान नहीं बनता है ...और पढ़ें

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    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं मिलतीं लोगों को पर्याप्त सुविधाएं

    जागरण संवाददाता, रांची : रांची शहर और इसके अंतर्गत सभी प्रखंडों व गांवों में भी प्रारंभिक चिकित्सा के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाएं गए है। इन केंद्रों पर वर्तमान की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए जाने का दावा कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का यह दावा तहसील मुख्यालय पर दम तोड़ती नजर आ रही है। विशेषज्ञ चिकित्सकों व आवश्यक उपकरणों के न होने से मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा हैं। फलस्वरूप मरीजों को रिम्स में जाकर उपचार कराने को बाध्य होना पड़ रहा है। कई केंद्रों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ वार्ड ब्वाय, फार्मासिस्ट सहित कई पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में लोगों को प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्रों में कहां से बेहतर सुविधा मिलेगी। कई प्रखंडों के प्रमुख, उपप्रमुख, मुखिया व जनप्रतिनिधियों से बात करने पर पता चला कि सरकार गांवों से लेकर शहर के हर छोर पर ग्रामीणों के सुविधा के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र तो खोल रही है लेकिन वहां न तो विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति कर रही है और न ही उचित दवाएं उपलब्ध करा रही है। उपस्वास्थ्य केंद्रों पर यह सारी सुविधाएं नहीं होने के कारण लोगों को दूसरे अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 6 चिकित्सकों के पद स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में कई केंद्रों में एक या दो चिकित्सक ही पदस्थ है। वहीं कहीं एक नर्स के भरोसे ही स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। स्वास्थ्य केंद्र भी जर्जर हालत में : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा दिया जा चुका है, लेकिन अबतक कई गांवों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन का निर्माण नहीं कराया जा सका। हालाकि कई केंद्रों में वार्ड व ओटी का भी निर्माण कराया गया था। लेकिन वर्तमान में भवन जर्जर हो गया है। टाटीसिलवे स्थित एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बरसात के समय भवन से पानी भी टपकता है। -----------

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    सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विभिन्न रोगों का उपचार कराने के लिए रोजाना सैंकड़ों मरीज आते हैं। मरीजों को परेशानी उस समय होती है जब वहां तैनात चिकित्सकों में से कुछ अवकाश पर या विभागीय कार्य से अन्य स्थानों पर गए हो।

    -माधुरी देवी, उपप्रमुख, नामकुम प्रखंड। सरकार भवन का निर्माण तो करा दी है लेकिन जरूरत के हिसाब से चिकित्सक और अन्य स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। ऐसे में लोगों को शहर के बड़े अस्पतालों व बेहतर सुविधा वाले अस्पतालों में जाकर इलाज कराना पड़ता है।

    -किरण पाहन, मुखिया, टाटीपूर्वी पंचायत। वर्तमान की सरकार ने बीते चार सालों में हर क्षेत्र पर ध्यान दिया है लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में न के बराबर ध्यान दिया गया है।

    -गिरीधर मिश्रा।