Jharkhand News: ध्वनि प्रदूषण करने वाले हो जाएं सावधान, सरकार ने बना रखी है SOP
ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अलग से कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। कंट्रोल रूम में ध्वनि प्रदूषण से संबंधित जो भी शिकायत आएगी उसे दर्ज कर संबंधित थाने को भेजा जाएगा और कार्रवाई कर इस पर रोक लगाई जाएगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अलग से कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।
कंट्रोल रूम में ध्वनि प्रदूषण से संबंधित जो भी शिकायत आएगी, उसे दर्ज कर संबंधित थाने को भेजा जाएगा और कार्रवाई कर इस पर रोक लगाई जाएगी।
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि ध्वनि प्रदूषण पर रोक के लिए एसओपी बनाया गया है। एसओपी को मंजूरी के लिए संबंधित विभाग भी भेजा गया है।
विभाग से अनुमति लेकर इसे लागू किया जाएगा। इसमें समय लगेगा। उन्होंने अदालत से समय देने का आग्रह किया। अदालत ने सरकार को समय देते हुए अगली सुनवाई 11 सितंबर को निर्धारित की है।
पूर्व में हाई कोर्ट ने सरकार को ध्वनि प्रदूषण पर रोक के लिए एसओपी बनाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने गृह सचिव को इस मामले में प्रतिवादी बनाते हुए रात दस बजे के बाद ध्वनि प्रदूषण पर रोक के लिए एसओपी बना कर कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि त्योहार पर राज्य के जिलों में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए कोर्ट के पूर्व निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। सरकार एसओपी बना कर उसे लागू कराए।
ध्वनि प्रदूषण पर रोकथाम के लिए सिविल सोसायटी की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें ध्वनि प्रदूषण अधिनियम- 2000 के तहत निर्धारित मानकों का झारखंड में उल्लंघन होने का आरोप लगाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि आवासीय, व्यावसायिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों में ध्वनि के मानक निर्धारित किए गए हैं। लेकिन इन जगहों पर निर्धारित मानकों से काफी ज्यादा शोरगुल हो रहा है।
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