पतरातू में साइबेरियन पक्षियों के साथ मनाएं नव वर्ष
रांची से 35 किमी दूर पतरातू की खूबसूरत वादियां नए साल के स्वागत के लिए तैयार हैं। डैम में पर्यटक नौकायान का भरपूर आनंद ले सकते हैं। ...और पढ़ें

विवेक आर्यन, रांची :
शहर की आबादी में खुद को खो चुके हम शहर से बाहर जाने का बहाना ढूंढ़ते हैं। खास कर जब मौका नए साल को हो तो रांची के लोगों की पहली पसंद डैम और घाटी ही होत हैं। इसके लिए पतरातू की घाटियां और डैम पूरी तरह से तैयार हैं। डैम पर पहुंच कर आपकी मुलाकात सैकड़ों की संख्या में आए साइबेरियन पक्षियों से होंगी, जब आप नौकायान के लिए डैम में उतरेंगे, ये पक्षी आपके चारों ओर मंडरा कर आपका मनोरंजन करेंगे।
बीते दिनों में पतरातू ने खुद को पर्यटन और पर्यटकों केअनुरूप ढाला है। करीब पचास नौकाएं साल में एक बार सजतीं हैं। इन्हें रंगा जाता है। इनपर गुब्बारे लगाए जाते हैं, और नौका संगठन के सभी सदस्य साल में एक बार आने वाले पर्यटकों की खिदमत में लग जाते हैं।
200 से 600 रुपये में पूरे परिवार लिए बोटिंग: डैम का मुख्य आकर्षण बोटिंग है। पचास नावें हैं और एक बोट में छह लोगों के बैठने की जगह है। यानी एक साथ 300 लोग बोटिंग कर सकते हैं। दूरी के अनुसार पूरे परिवार के लिए बोटिंग की दर 200 से 600 रुपये तक है। 600 रुपये में डैम के बीच स्थित टापू पर जा कर वापस आया जा सकता है। सभी बोट हाथ से चलाए जाते हैं और 200 रुपये दे कर आप करीब 45 मिनट तक पानी के बीच रहेंगे।
खाने-पीने की है पर्याप्त व्यवस्था : घूमने गए लोगों के लिए खाने पीने की तमाम सुविधाएं डैम पर उपलब्ध हैं। चिप्स-कोल्डड्रिंक से ले कर नास्ते और खाने के लिए भी स्टॉल लगे हैं। साथ ही लोगों के बैठने के लिए टेंट लगाए गए हैं।
विस्थापित नाविक संघ के उपाध्यक्ष सुरेश बताते हैं कि पूरी समिति पर्यटकों के मनोरंजन के लिए तत्पर है। नए वर्ष में पतरातू अपने पर्यटकों का स्वागत करती है।
बाइक, कार या बस से तक करें 35 किमी की दूरी : रांची से पतरातू डैम की दूरी महज 35 किमी है। घाटियों से होते हुए आप अपनी बाइक, कार या बस से डैम पहुंच सकते हैं। कांके के बाद ¨रग रोड पार करते ही पहले घाटियां आपका मन लुभाएंगी, फिर डैम में आपको जीवन के अन्य रंग देखने को मिलेंगे।
घाटी पर मिल रहा महिलाओं को रोजगार : डैम के पहले की घाटी और उसके घुमावदार रास्ते रोमांच पैदा करते हैं। पर्यटन की वजह से यहां के लोगों को रोजगार मिल रहा है। यहां आपको सड़क के किनारे गहरी खाइयों के बीच लकड़ी के बने क्राफ्ट नजर आएंगे। राधा-कृष्ण का क्राफ्ट 400 रुपये का है, पेपर वेट 20 रुपये का और अन्य आकृतिया 100 से 200 रुपये की।
युवाओं को आकर्षित कर रही है घाटी : कॉलेज के छात्र-छात्राओं के लिए तो पतरातू की घाटी सबसे बेहतरीन स्थानों में से हैं। बाहर से आए जो छात्र नए साल में अपने घर नही जा पा रहे हैं वे पतरातू जा कर नए साल के पहले दिन को खास बना सकते हैं।
युवाओं का आना जाना वैसे तो सालों भर लगा रहता है। लेकिन इन दिनों युवाओं की भीड़ देखने को मिल रही है। बड़ी संख्या में दोस्तों की टोली कॉलेज के बाद या छुट्टियों में पतरातू की सैर करने आ रही हैं।

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