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    पुलिस की अनोखी पहल! नक्सली कमांडरों के घर बजेगा ढोल-नगाड़ा, जनता को दिखाया जाएगा असली सच

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 12:00 PM (IST)

    पलामू पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ एक अनोखा जनसंचार अभियान शुरू किया है। पुलिस नक्सली कमांडरों के घरों तक ढोल-नगाड़े लेकर जाएगी और ग्रामीणों को उनके अपराधों के बारे में बताएगी। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को नक्सलियों के खतरनाक चेहरे से अवगत कराना है और उन्हें विकास के मार्ग पर लाने के लिए प्रेरित करना है।

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    पुलिस की अनोखी पहल : ढोल-नगाड़े की थाप पर उजागर होगा नक्सलियों का सच

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। नक्सल प्रभावित इलाकों में आम तौर पर पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ या सर्च आपरेशन की खबरें आती रही हैं। लेकिन इस बार पलामू जोन पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ एक बिल्कुल अलग और अनोखा जनसंचार अभियान छेड़ने का निर्णय लिया है। इस अभियान में पुलिस नक्सल कमांडरों के घरों तक ढोल-नगाड़ा लेकर जाएगी।

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    पुलिस का मकसद सिर्फ कार्रवाई तक सीमित नहीं, बल्कि गांव-गांव में लोगों को यह बताना है कि आखिर ये नक्सली समाज के लिए कितने खतरनाक और विकास के सबसे बड़े रोड़े हैं। चुनिंदा बड़े नक्सल कमांडरों के घरों पर पहुंचकर पुलिस दल जनता को उनके आपराधिक कारनामों से अवगत कराएंगे।

    पुलिस की इस नई रणनीति से ग्रामीणों में जिज्ञासा और चर्चा दोनों तेज हो गई है। माना जा रहा है कि ढोल-नगाड़े के जरिए जब गांव-गांव नक्सलियों के काले कारनामे उजागर होंगे तो जनता भी खुले तौर पर उनका विरोध करेगी और पुलिस के अभियान को समर्थन देगी।

    बैनर-पोस्टर से जनता को जागरूक किया जाएगा

    इस अभियान के तहत पुलिस न केवल ढोल-नगाड़े बजाएगी, बल्कि बैनर-पोस्टर और विजुअल सामग्री के जरिए उन नक्सलियों की पहचान और उनकी कथित वारदातों को सार्वजनिक भी करेगी।

    उद्देश्य यह है कि ग्रामीणों को समझाया जा सके कि नक्सलियों की राह सिर्फ हिंसा और पिछड़ापन देती है। पुलिस लगातार नक्सलियों से अपील कर रही है कि वे हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटें।

    सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार की ओर से पुनर्वास योजनाओं और विभिन्न लाभकारी योजनाओं का फायदा दिलाने का आश्वासन दिया जा रहा है।

    10 बड़े नक्सली कमांडर टारगेट पर

    इस अभियान में पुलिस ने पलामू जोन के कम से कम 10 बड़े नक्सल कमांडरों को टारगेट किया है। जिन नामों का खुलासा किया गया है, उनमें भाकपा-माओवादी रीजनल कमांडर नितेश यादव,रविंद्र गंझू,जोनल कमांडर मृत्युंजय भुइयां,मनोहर गंझू, संजय गोदराम, ठेगन मियां,टीएसपीसी का शशिकांत गंझू व नगीना समेत अन्य सक्रिय नक्सली शामिल हैं।

    इन सबकी आपराधिक गतिविधियों और समाज-विरोधी भूमिका की जानकारी ग्रामीणों तक ढोल-नगाड़े, बैनर-पोस्टर और विजुअल सामग्री के माध्यम से पहुंचाई जाएगी। पुलिस ने बताया कि इस अनोखे अभियान की शुरुआत पहले ही लातेहार के सदर थाना क्षेत्र से की जा चुकी है।

    वहां जेएमएमपी के कमांडर शिव सिंह और रामदेव लोहरा के घरों पर पुलिस दल ढोल-नगाड़े के साथ पहुंचा था और ग्रामीणों को बताया गया था कि किस प्रकार वे क्षेत्र में हिंसा और अवैध वसूली जैसे कृत्यों में संलिप्त रहे हैं।

    नक्सली कमांडर हीरो नहीं हैं बल्कि समाज के सबसे बड़े दुश्मन

    आईजी सुनील भास्कर ने कहा कि नक्सली कमांडर हीरो नहीं, बल्कि समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। उनकी वजह से इलाके का विकास रुक गया है। ढोल-नगाड़ा के साथ गांव-गांव जाकर जनता को जागरूक किया जाएगा।

    पलामू, गढ़वा और लातेहार के एसपी को अभियान की टास्किंग दी गई है। नक्सलियों की संपत्ति जांच और कानूनी कार्रवाई की जा रही है। आईजी ने कहा कि नक्सलियों के परिवार व स्वजन से बातचीत कर स्थानीय स्तर पर जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन्हें समाज से अलग-थलग कर विकास की राह खोली जा सके।