Palamu News: जंगली फल खाने के बाद एक-एक कर बेहोश होने लगे बच्चे, सात का चल रहा इलाज
पलामू में जंगली फल खाने के बाद सात बच्चे बीमार हो गए। सभी बच्चे फल खाने के बाद बेहोश होने लगे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। वर्तमान म ...और पढ़ें

पलामू जिले के पाटन थाना क्षेत्र के हिसरा बरवाडीह गांव में जंगली फल खाने से सात बच्चे बीमार हो गए।
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू)। जिले के पाटन थाना क्षेत्र के हिसरा बरवाडीह गांव में जंगली फल (बगडेरा) खाने से सात बच्चे बीमार हो गए। जंगली फल खाने के कुछ ही देर बाद एक-एक कर सभी बच्चे बेहोश होने लगे, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई।
परिजन और ग्रामीणों की मदद से सभी बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। चार बच्चों को इलाज के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एमएमसीएच) में भर्ती कराया गया है, जबकि तीन बच्चों का इलाज मेदिनीनगर के निजी अस्पताल में चल रहा है।
चिकित्सकों के अनुसार सभी बच्चों की हालत अब खतरे से बाहर है और वे निगरानी में हैं। स्वजनों ने बताया कि सभी बच्चे अपने माता-पिता के साथ धान के खेत में गए थे। इसी दौरान बच्चे आपस में खेलते हुए आसपास लगे जंगली पौधे का फल खाने लगे।
फल खाने के करीब आधे घंटे बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी और वे बेहोश होने लगे। स्थिति गंभीर देख स्वजन स्थानीय ग्रामीणों की मदद से देर शाम बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंचे। एमएमसीएच में भर्ती बच्चों में सलोनी कुमारी, सृष्टि कुमारी, विसमय कुमार और प्रीतम कुमार शामिल हैं।
वहीं तीन अन्य बच्चों का इलाज निजी अस्पताल में किया जा रहा है। समय पर इलाज मिलने से सभी बच्चों की स्थिति में सुधार हुआ है और वे होश में आ चुके हैं। मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल स्थित पुलिस आउटपोस्ट में तैनात एएसआई पुष्पा डोडराय और जवान, विकास कुमार, महेंद्र कुमार ने बताया कि परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार बच्चों ने जंगली फल खाया था।
डाक्टरों की टीम लगातार बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रख रही है। गौरतलब है कि पलामू जिले में इससे पहले भी जेट्रोफा जैसे विषैले जंगली पौधों के फल खाने से ग्रामीणों और बच्चों के बीमार होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को जंगली फल न खाने की सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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