नौसेना जवान सूरज की हत्या को परिजन मान रहे बड़ी साजिश, सीबीआइ जांच की मांग की
Palamu Based Navy Man Suraj Kumar भाई ने कहा कि हमें तो फिरौती के लिए कोई फोन नहीं आया। हम कैसे महाराष्ट्र पुलिस की बात पर भरोसा करें। पिछले शुक्रवार की रात सूरज महाराष्ट्र के पालघर में 90 प्रतिशत जले हुए पाए गए थे।

रांची, जेएनएन। महाराष्ट्र पुलिस ने हमें फोन कर बताया कि फिरौती के लिए सूरज कुमार दुबे का अपहरण हो गया है। हमें तो फिरौती की राशि के लिए किसी का फोन नहीं आया। फिर महाराष्ट्र के पालघर में उसे जिंदा जला देने की खबर आई। मेरा नौसैनिक भाई देश की सेवा कर रहा था। उसकी हत्या के पीछे कोई बड़ी साजिश है। इस मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। भारतीय नौसेना के जवान सूरज कुमार दुबे के भाई नीरज दुबे ने रांची में यह बातें कहीं। वह अपने भाई का पार्थिव शरीर लेने यहां आए थे। रविवार की शाम सूरज का पार्थिव शरीर रांची पहुंचा। एयरपोर्ट पर उन्हें नौसेना के अधिकारियों, पांकी के विधायक शशिभूषण मेहता समेत अन्य गणमान्य लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद तिरंगे में लिपटे सूरज को लेकर नौसेना के जवान व परिजन पलामू लेकर रवाना हो गए।
सूरज पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ के रहने वाले थे। 30 जनवरी को ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए पलामू से निकले थे। उन्हें कोयंबटूर जाना था लेकिन चेन्नई से ही वे लापता हो गए। एक जनवरी को नेवी बेस से स्वजनों को उनके ड्यूटी पर नहीं पहुँचने की सूचना मिली थी। पिछले शुक्रवार की रात सूरज महाराष्ट्र के पालघर में 90 प्रतिशत जले हुए पाए गए थे। घटना के बाद से सूरज के पैतृक गांव पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव में मातम पसरा हुआ है। सोमवार को कोयल नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सूरज के घर पर एकत्र हुए लोग।
नीरज ने बताया कि सूरज अपने साथी जवान धर्मेंद्र के साथ लगातार संपर्क में था। 22 जनवरी से धर्मेंद्र, सूरज का लोकेशन ले रहा था। 30 जनवरी को 13 बार एसएमएस से धर्मेंद्र व सूरज के बीच बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि शुरुआत के दो दिनों तक यूनिट का कमांडेंट का व्यवहार स्वजनों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक था। तीसरे दिन जैसे ही धर्मेंद्र का जिक्र आया कमांडेंट का व्यवहार बदल गया। वहीं हमें पालघर के एसपी ने फोन पर कि तीन लोगों ने अपहरण किया था। इसमें से एक का नाम इरफान है। पूरा मामला संदिग्ध है।
पलामू जिला के चैनपुर थाना अंतर्गत पूर्वडीहा कोलुआ गांव स्थित सूरज कुमार दुबे का पैतृक आवास।
अपने जिले के बेटे को जिंदा जला दिए जाने से पूरे पलामू में आक्रोश है। पैतृक गांव चैनपुर प्रखंड के पूर्वडीहा कुल्हुआ के लोगों का कहना है कि आखिर चेन्नई से सूरज पालघर कैसे पहुंच गए। वह तो अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहे थे। इस मामले में जांच की मांग को लेकर ग्रामीण आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। सूरज का अंतिम संस्कार सोमवार को अपने पैतृक गांव में किया जाएगा।
आठ साल से थे नौसेना में, पिछले महीने हुई है सगाई
अगस्त 2012 में सूरज का चयन नौसेना में हुआ था। वह शुरुआत से ही मेधावी छात्र थे। उनकी शुरुआती शिक्षा पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर शहर स्थित वीपीएम ज्ञान निकेतन स्कूल में हुई थी। 2012 में नौसेना में चयन होने के बाद वे 2015 तक मुंबई में तैनात रहे। बाद में उनकी तैनाती तमिलनाडु के कोयंबटूर स्टेट आइएनएस अग्रणी में कर दी गई थी। सूरज जनवरी माह में छुट्टी पर अपने घर पहुंचे थे। 15 जनवरी को उनकी सगाई हुई थी। मई में उनकी शादी होने वाली थी। पिता मिथिलेश दुबे और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। वे समझ नहीं पा रहे कि कोई क्यों उनके बेटे की हत्या करेगा।
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