Jharkhand News: झारखंड में गर्मी ने दी दस्तक, हेमंत सरकार के सामने खड़ी हुई नई चुनौती
गर्मी की शुरुआत के साथ ही पेयजल स्वच्छता विभाग के सामने लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। जल जीवन मिशन योजना के तहत 58 प्रतिशत घरों तक कनेक्शन पहुंच चुका है लेकिन अभी भी 34 लाख घरों तक पानी पहुंचाया जाना बाकी है। सर्वे का काम भी अधूरा है और बारिश होने तक लोगों की प्यास कैसे बुझेगी इसको लेकर कोई योजना नहीं है।

राज्य ब्यूरो, रांची। मार्च का महीना समाप्त होने वाला है और राज्य में गर्मी की दस्तक प्रारंभ हो गई है। ऐसे में पेयजल स्वच्छता विभाग के पास लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की चुनौती है।
केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलने वाली जल जीवन मिशन योजना के तहत घरों तक पेयजल का कनेक्शन पहुंचाना है।
राज्य सरकार का दावा है कि 58 प्रतिशत घरों तक कनेक्शन पहुंच चुका है और 34 लाख घर अभी बाकी है। राज्य विधानसभा के बजट सत्र में पेयजल स्वच्छता विभाग के दावों पर विधायक सवाल उठा रहे हैं।
जिन जिलों में पेयजल स्वच्छता विभाग 95 प्रतिशत घरों तक कनेक्शन पहुंचाना का दावा कर रहा है वहां जनप्रतिनिधि कह रहे हैं कि 50 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ है।
जिन 34 लाख घरों तक पानी पहुंचाया जाना है, उसे लेकर सर्वे का काम भी अभी अधूरा है। ऐसे में अप्रैल से लेकर जुलाई में बारिश होने तक लोगों की प्यास कैसे बुझेगी इसे लेकर पेयजल स्वच्छता विभाग के जिम्मेदारों के पास कोई योजना नहीं है।
केंद्र सरकार कह रही उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं मिला
- जल जीवन मिशन योजना के लिए खर्च होने वाला राशि में केंद्र और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत का अंशदान देते हैं। अभी राज्य सरकार 58 लाख घरों तक कनेक्शन पहुंचाने का आंकड़ा दे रही है।
- राज्य सरकार का कहना है कि आगे की योजना के लिए केंद्र सरकार अपना अंशदान नहीं दे रही है। जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि पिछली राशि का अबतक हिसाब ही नहीं मिला है।
- इसके अलावा जलजीवन मिशन योजना के डैशबोर्ड पर आच्छादित किए घरों का आंकड़ा भी अपलोड नहीं है।
- ऐसे में बिना उपयोगिता प्रमाणपत्र के नई राशि निर्गत नहीं की जा सकती। जल जीवन योजना के संकल्प में उपयोगिता प्रमाणपत्र की बात कही गई है।
- राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपने बजट भाषण में कहा है कि अब राज्यांश से ही घरों तक पेयजल का कनेक्शन पहुंचाने का काम किया जाएगा।
तापमान में आ गई गिरावट
लोहरदगा में विगत दो दिनों के दौरान हुई बारिश और ओलावृष्टि की वजह से तापमान में गिरावट आ गई है। जिसकी वजह से लोगों का ठंड का एहसास हो रहा है। तापमान में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है।
लोहरदगा जिला में रविवार को अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
तापमान में गिरावट आने के बाद लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता हुआ नजर आ रहा है। सर्दी, खांसी जैसी बीमारियां लोगों को प्रभावित कर रही हैं। अगले कुछ दिनों में फिर से तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।
बदलते मौसम के बीच लोगों के स्वास्थ्य पर सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है। मौसम में हुए बदलाव का असर खेती पर भी सबसे अधिक पड़ा है। दैनिक जीवन प्रभावित होने के साथ-साथ फसलों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।
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