Jharkhand Assembly: विपक्ष ने किया बहिष्कार, 4296 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पास
विधानसभा में 4296 करोड़ रुपये के प्रथम अनुपूरक बजट पर जब सरकार का जवाब देने के लिए वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर खड़े हुए तो विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया। विपक्ष की अनुपस्थिति में 4296 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट पास हो गया। विपक्षी खेमे में सिर्फ जदयू विधायक सरयू राय बैठे थे।
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा में 4296 करोड़ रुपये के प्रथम अनुपूरक बजट पर जब सरकार का जवाब देने के लिए वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर खड़े हुए तो विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया।
विपक्ष की अनुपस्थिति में 4296 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट पास हो गया। विपक्षी खेमे में सिर्फ जदयू विधायक सरयू राय बैठे थे, जिन्होंने वित्त मंत्री के संबोधन के बीच ही अपनी बात रखी।
उन्होंने विभागवार अनुपूरक बजट पर संक्षेप में अपनी बात रखी और कहा कि मूल से ज्यादा अनुपूरक बजट सदन में लाया गया है। वित्त विभाग का मूल बजट 342 करोड़ रुपये का है, इसके बावजूद 835 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाया गया है।
उन्होंने अव्यवहृत राशि का मामला भी सदन में उठाया और कहा कि इस कोष में करोड़ों रुपये पड़े रह जाते हैं, सरकार उसे खर्च क्यों नहीं करती है।
वित्तीय अनुशासन की बात करने वाली सरकार विभिन्न विभागों में जमा करोड़ों रुपये का उपयोग क्यों नहीं करती है।सरयू राय के सवाल पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जवाब भी दिया।
सहयोग मिलता तो हेमंत राज्य को बहुत आगे ले जाते
वित्त मंत्री ने कहा कि हेमंत सरकार का वित्तीय प्रबंधन बहुत मजबूत है। अगर भारत सरकार का सहयोग मिलता तो हेमंत सोरेन इस राज्य को बहुत आगे ले जाते।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में चार महीने में खर्च 18234 करोड़ रुपये था। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस अवधि में 23800 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जो गत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत है।
वित्तीय वर्ष 2010-11 से आकस्मिक निधि के खाते में 22 हजार करोड़ रुपये पड़े थे। इस सरकार ने लगभग चार हजार करोड़ रुपये राजकोष में जमा कराया है।
राज्य में करीब 75 से 80 प्रतिशत आबादी गांवों में बसती है। गरीबों के चेहरे पर खुशी लाने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने मंइयां सम्मान योजना महिलाओं का सम्मान है।
इस राशि से महिलाएं सुखी, संपन्न व मजबूत हो रही हैं। राज्य संपोषित योजनाओं के लिए राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। अपनी मजबूत वित्तीय स्थिति के चलते राज्य को उधार लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
राज्य में हुई अतिवृष्टि, राज्य सरकार किसानों के साथ
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य में इस वर्ष अतिवृष्टि हुई है। राज्य में औसतन 700 मिलीमीटर बारिश होती थी। इस वर्ष 20 अगस्त तक 950 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।
इससे भदई व तिलहनी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। सदन में मंगलवार को अति वृष्टि पर दो घंटे की चर्चा होगी। इसमें किसानों के लिए विशेष सहायता की घोषणा की जा सकती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2001 से वित्तीय वर्ष 2018-19 तक कृषि विभाग के लिए 15887 .61 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया था।
महज छह साल में यानी 2019 से 2025 के बीच 26464.94 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया गया। यह दर्शाता है कि राज्य सरकार किसानों के प्रति कितनी संवेदनशील है।
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