Jharkhand Politics: राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने बिहार जाएंगे हेमंत सोरेन, 10-15 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी
पटना में वोटर अधिकार यात्रा के समापन पर विपक्षी दलों की विशाल रैली आयोजित की गई जिसमें राहुल गांधी और हेमंत सोरेन शामिल होंगे। बिहार चुनाव से पहले यह आयोजन भाजपा विरोधी गठबंधन की एकता का प्रतीक है। हेमंत सोरेन की उपस्थिति बिहार के आदिवासी और अल्पसंख्यक वोटरों को एकजुट करने में महत्वपूर्ण हो सकती है। झामुमो ने बिहार चुनाव में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को वोटर अधिकार यात्रा के समापन पर होने वाली विशाल रैली विपक्षी दलों के लिए एकजुटता का मंच बनेगी। इस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह आयोजन भाजपा विरोधी गठबंधन की ताकत और एकता का प्रतीक बन गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रैली में उपस्थिति विपक्षी गठबंधन के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।
हेमंत सोरेन अपनी दमदार उपस्थिति से बिहार के आदिवासी, एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वोटरों को लामबंद करने की क्षमता रखते हैं। झामुमो ने बिहार विधानसभा चुनाव में न केवल उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, बल्कि सीट बंटवारे में भी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी की उम्मीद रखती है।
झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में उसकी दावेदारी 10-15 सीटों पर है, जहां उसका प्रभाव है। राजद ने भी सीटों की हिस्सेदारी संबंधित बातचीत में झामुमो को रखने पर हामी भरी है। झामुमो के शीर्ष नेतृत्व को यकीन है कि बिहार में उसे गठबंधन के तहत सीटें मिलेंगी।
एसआईआर के विरुद्ध विधानसभा से प्रस्ताव पारित
वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ जन जागरूकता फैलाना है। राहुल गांधी ने इसे "वोट चोरी का षड्यंत्र" करार दिया है।
उनका दावा है कि प्रवासी मजदूरों, दलितों और गरीब वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। यात्रा के दौरान "वोट चोर, गद्दी छोड़" का नारा जोर-शोर से गूंजा। झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो गठबंधन ने एसआईआर के खिलाफ हाल ही में विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है।
हेमंत सोरेन ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की है। बिहार में भी विपक्ष ने एसआईआर को राजनीतिक हथियार बनाते हुए दावा किया है कि यह गरीब वोटरों को हाशिए पर धकेल रहा है।
एसआईआर के विरुद्ध विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर झामुमो ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में राज्य में होने वाले एसआईआर को लेकर उसका रुख क्या होगा?
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