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    Jharkhand News: सामाजिक कुरीतियों का विरोध पड़ा महंगा, 12 वर्षों से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे तीन परिवार

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 12:40 PM (IST)

    खूंटी जिले के मारंगहादा थानांतर्गत बिचागुटु गांव के तीन परिवार सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे हैं। इन परिवारों ने सामाजिक कुरीतियों का त्याग किया था। एक परिवार पर डायन बिशाही का आरोप लगा आर्थिक दंड सुनाया गया। राशि का भुगतान नहीं करने पर उन्हें बहिष्कृत कर दिया गया गया। वर्षों से तीनों परिवार गांव में सभी तरह के सहयोग से पूरी तरह से वंचित हैं।

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    12 वर्षों से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे हैं रांगरोंग गांव के तीन परिवार।

    जागरण संवाददाता, खूंटी। जिले के मारंगहादा थानांतर्गत बिचागुटु गांव के टोला रांगरोंग के तीन परिवारों का गांववालों ने सामाजिक रूप से बहिष्कार कर दिया है। इन परिवारों ने सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया था। 

    पांडू मुंडा, सागू मुंडा और जागदा नाग कई वर्षों से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे हैं। गांव वालों ने उनके साथ खाना-पीना, शादी विवाह एवं अन्य कार्यों में साथ नहीं देने का फरमान जारी किया है। वर्षों से तीनों परिवार गांव में सभी तरह के सहयोग से पूरी तरह से वंचित हैं।

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    एक तरफ गरीबी, अशिक्षा जैसी समस्याएं और दूसरी तरफ सामाजिक बहिष्कार का उत्पीड़न झेल रहे इन परिवारों से मिलने के लिए रविवार को सामाजिक संगठनों की एक टीम रांगरोंग पहुंची। पीड़ित परिवार से से बात कर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया।

    पीड़ित परिवारों ने बताया कि उ लोगों ने धरती आबा बिरसा मुंडा के पदचिह्नों पर चल कर पूजा अनुष्ठानों में बलि देना व हंड़िया-दारु आदि का त्याग कर दिया है। वहीं जागदा नाग ने बताया कि उनके परिवार को डायन बिसाही का आरोप लगा कर आर्थिक रूप से दंडित किया गया।

    जुर्माना देने में असमर्थ होने पर सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। वह बताती हैं कि उनके नाम से सरकारी आवास मिला है, जब उन्होंने घर बनाना शुरू किया, तो उसे भी तोड़ दिया गया और घर बनाने से भी रोका गया।

    सामाजिक संगठन के लोगों ने बहिष्कृत परिवारों की पीड़ा सुनने के बाद उन्हें यथासंभव मदद करने का आश्वासन दिया। बहिष्कृत पांडू मुंडा ने बताया कि उसका परिवार विगत 12 -13 वर्षों से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा है।

    उनके बच्चों के साथ भी सामाजिक तौर पर भेदभाव किया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल में मथुरा कंडीर, विश्राम टूटी, राम मुंडा, बगराए मुंडा, बुधराम सिंह मुंडा, नारण सिंह टोपनो, किशन मुंडा, मानसा मुंडा, सुगना पहान, मंगरा डोडराय, सोमा मुंडा, मधु कंडीर आदि शामिल थे।