Jharkhand OBC Reservation: झारखंड में पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण, हेमंत सरकार ने शुरू की प्रक्रिया
OBC Reservation Jharkhand सोमवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था। अब इस पर कार्मिक विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। तीन सदस्य कमेटी बनाने के लिए कार्मिक विभाग के प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय की संभावना।

रांची, राज्य ब्यूरो। OBC Reservation Jharkhand झारखंड में एक बार फिर पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण का मामला सुर्खियों में है। सत्ताधारी गठबंधन के तीनों दल अपने चुनावी घोषणा पत्रों में ही इसकी बात कर चुके हैं और एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने विश्वास मत के दौरान अपने संबोधन में सरकार के इस वादे को दोहराया। कांग्रेस पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ-साथ राजद ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की बात कही थी। इस घोषणा के पहले ही कार्मिक विभाग ने अपनी कवायद शुरू कर दी थी और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कमेटी के गठन का प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास लंबित है।
मुख्यमंत्री ने दिया समिति गठित करने का निर्देश
सूत्रों के अनुसार, 3 सदस्य समिति के गठन को लेकर मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिल सकती है। ज्ञात हो कि सोमवार को ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण पर बहुत जल्द प्रस्ताव लाने जा रही है।कार्मिक विभाग के सूत्रों के अनुसार आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने को लेकर सरकार के पास पर्याप्त आधार तो है लेकिन कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो जाने की स्थिति में इस निर्णय को चुनौती भी दी जा सकती है। विभागीय स्तर पर कानूनी पशुओं से बचने के लिए भी तैयारी की जा रही है। सरकार तमिलनाडु में आरक्षण के फार्मूले और उसको लागू करने के तरीके पर एक विशेष कमेटी के माध्यम से अध्ययन करा सकती है।
आयोग पहले ही कर चुका आरक्षण की अनुशंसा
झारखंड में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति लोकनाथ प्रसाद की अध्यक्षता में कमेटी ने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण प्रतिशत 50 प्रतिशत तक करने की अनुशंसा पहले ही कर रखी है। ज्ञात हो कि ओबीसी आरक्षण 50 फीसदी करने को लेकर राज्य पिछड़ा आयोग ने तीन दिन तक लगातार बैठक की थी। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति लोकनाथ प्रसाद के नेतृत्व में तमिलनाडु में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अध्ययन भी किया गया था। तमिलनाडु में राज्य सरकार द्वारा तय ओबीसी आरक्षण को देखते हुए झारखंड में भी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
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