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    NSG Commando Training लेंगे झारखंड पुलिस के तेज-तर्रार अफसर...

    By Alok ShahiEdited By:
    Updated: Sun, 28 Feb 2021 07:22 AM (IST)

    Jharkhand Police NSG Commando Training अब क्राउड कंट्रोल व वीवीआइपी सुरक्षा में एनएसजी तकनीक से झारखंड पुलिस के कमांडो लैस होंगे। झारखंड पुलिस के जवान व अधिकारी हरियाणा के मानेसर स्थित नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड्स (एनएसजी) प्रशिक्षण केंद्र में कमांडो का प्रशिक्षण लेंगे। 26 अप्रैल से 12 सप्ताह का प्रशिक्षण होगा।

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    Jharkhand Police, NSG Commando Training झारखंड पुलिस के जवान व अधिकारी एनएसजी कमांडो ट्रेनिंग लेंगे।

    रांची, [दिलीप कुमार]। Jharkhand Police, NSG Commando Training झारखंड पुलिस के जवान व अधिकारी हरियाणा के मानेसर स्थित नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड्स (एनएसजी) प्रशिक्षण केंद्र में कमांडो का प्रशिक्षण लेंगे। यहां आगामी 26 अप्रैल से 12 सप्ताह का प्रशिक्षण शुरू होना है। राज्य में क्राउड कंट्रोल हो या फिर वीवीआइपी सुरक्षा का सवाल, कमांडो की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री जैसे वीवीआइपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी एनएसजी के पास होती है। ऐसे में झारखंड पुलिस के चुनिंदा अधिकारी व जवानों को एनएसजी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, ताकि राज्य में विधि-व्यवस्था का संकट होने पर ये कमांडो एनएसजी तकनीक से स्थिति को नियंत्रित कर सकें।

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    पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों से पत्राचार कर सिपाही से पुलिस निरीक्षक स्तर तक के काबिल जवान-अधिकारियों की सूची मांगी है, ताकि उन्हें मानेसर भेजने पर विचार किया जा सके। दागी जवान-अधिकारियों को कमांडो प्रशिक्षण के लिए मौका नहीं मिलेगा। ऐसे जवान अधिकारी ही चयनित किए जाएंगे, जिन्हें पिछले तीन सालों में कोई दंड नहीं मिला होगा, कोई बड़ा दंड भी पूरे सेवा काल में नहीं मिला होगा, पिछले पांच सालों में जिम्मेदारियों का रिकार्ड बेहतर होगा। इस प्रशिक्षण शिविर में जाने वाले सिपाहियों के लिए अधिकतम 30 साल, हवलदारों के लिए अधिकतम 38 साल, दारोगा के लिए अधिकतम 30 साल, इंस्पेक्टर के लिए अधिकतम 38 साल की उम्र होनी चाहिए।

    सीएम के काफिले पर हमले की कोशिश के बाद पुलिस में बढ़ी है संजीदगी

    वर्तमान वर्ष में चार जनवरी को रांची के किशोरगंज चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को रोकने की कोशिश हुई थी। गनीमत था कि अधिकारियों ने सूझ-बूझ दिखाते हुए काफिले का रूट बदलकर मुख्यमंत्री को कांके रोड स्थित आवास पहुंचाया था। अगर मुख्यमंत्री किशोरगंज चौक पर पहुंच गए होते तो स्थिति अनियंत्रित हो जाती। कमांडो ऐसे ही वक्त में वीवीआइपी की सुरक्षा कवच के रूप में काम करते हैं, इसलिए उन्हें कमांडो का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, ताकि कहीं अनियंत्रित भीड़ होने पर ये कमांडो ढाल बनकर रक्षा कर सकें।