Jharkhand News: झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी में अब होगी प्राथमिक चिकित्सा की पढ़ाई, शुरू होगा दो डिप्लोमा कोर्स
झारखंड स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी ने प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए फर्स्ट एड काउंसिल आफ इंडिया से हाथ मिला लिया है। एफएसीआई के सहयोग से ओपेन यूनिवर्सिटी दो डिप्लोमा कोर्स शुरू करने वाली है। इसमें प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ में डिप्लोमा और जन स्वास्थ्य रक्षक में डिप्लोमा कोर्स शामिल हैं। एफएसीआई के डिप्लोमा कोर्सों को यूनिवर्सिटी के अध्ययन केंद्रों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी (जेएसओयू) ने प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए फर्स्ट एड काउंसिल आफ इंडिया (एफएसीआई) नई दिल्ली के साथ समझौता किया है। इसके तहत एफएसीआई के सहयोग से ओपेन यूनिवर्सिटी दो डिप्लोमा कोर्स शुरू करेगी।
चिकित्सा सहायता देना सिखाया जाएगा
इसमें प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञ में डिप्लोमा और जन स्वास्थ्य रक्षक में डिप्लोमा कोर्स शामिल हैं। जेएसओयू के रजिस्ट्रार डा. घनश्याम कुमार सिंह ने बताया कि डिप्लोमा कोर्स में नामांकन कराने वाले छात्रों को प्राथमिक चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रम और जरूरतमंदों को चिकित्सा सहायता देना सिखाया जाएगा।
एफएसीआई के अध्यक्ष डा. शबाब आलम ने बताया कि एफएसीआई के डिप्लोमा कोर्सों को यूनिवर्सिटी के अध्ययन केंद्रों में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इसके लिए एफएसीआई जल्द ही एक मोबाइल ऐप भी लांच करेगी, जिसमें बच्चे लागिन करके अपने कोर्स का अध्ययन कर सकेंगे।
हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध होगा स्टडी मैटेरियल
स्टडी मैटेरियल हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध होगा। इसके अलावा झारखंड में एफएसीआई का एक ऑफिस भी खोला जाएगा, ताकि यूनिवर्सिटी के शिक्षण केंद्रों और छात्रों को हर तरह की मदद और मार्गदर्शन मिल सके।
डॉ. आलम ने बताया कि 8 महीने की पढ़ाई के बाद प्रैक्टिकल नालेज के लिए किसी अस्पताल में चार महीने इंटर्नशिप भी करनी होगी, उसके बाद ही डिप्लोमा पूरा होगा। कोर्स की परीक्षा भी ऑनलाइन होगी।
गौरतलब है कि झारखंड में एफएसीआई का राज्य मुख्यालय भी खोला जाएगा। डॉ. शबाब आलम के मुताबिक एफएसीआई के ये डिप्लोमा कोर्स कई राज्यों में सफलतापूर्वक पढ़ाए जा रहे हैं।
एमओयू पर हस्ताक्षर के मौके पर जेएसओयू के कुलपति डा. टीएन साहू, रजिस्ट्रार प्रोफेसर डा. घनश्याम कुमार सिंह के अलावा डा. वरुण मंडल, डा. मोहन लाल साहू, विकास मौर्या, प्रेम सागर केसरी भी मौजूद थे।
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