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    राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति दोनों की पृष्ठभूमि झारखंड से, रह चुके हैं राज्यपाल

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 08:53 PM (IST)

    झारखंड में राज्यपाल रह चुके सीपी राधाकृष्णन देश के उप राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए हैं। यह झारखंड के लिए महत्वपूर्ण इस दृष्टिकोण से है कि देश के राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति दोनों झारखंड से जुड़े रहे हैं। दोनों यहां के राज्यपाल रह चुके हैं। झारखंड दोनों के लिए खास रहा है क्योंकि दोनों पहली बार यहां के राज्यपाल बने थे।

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    द्रौपदी मुर्मु और सीपी राधाकृष्णन दोनों झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में राज्यपाल रह चुके सीपी राधाकृष्णन देश के उप राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए हैं। यह झारखंड के लिए महत्वपूर्ण इस दृष्टिकोण से है कि देश के राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति दोनों झारखंड से जुड़े रहे हैं।

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    दोनों यहां के राज्यपाल रह चुके हैं। झारखंड दोनों के लिए खास रहा है, क्योंकि दोनों पहली बार यहां के राज्यपाल बने थे। अर्थात राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल यहीं से शुरू हुआ था।

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु लगभग छह वर्ष (18 मई 2015 से 13 जुलाई 2021) तक झारखंड के राज्यपाल के पद पर काम कर चुकी थीं।

    झारखंड के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल बने थे राधाकृष्णन 

    झारखंड के राज्यपाल के रूप में उनका सबसे लंबा कार्यकाल रहा था। वहीं, राधाकृष्णन लगभग डेढ़ वर्ष (18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल रहे थे। यहां से बदलकर उन्हें 30 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया था।

    झारखंड के राज्यपाल के रूप में राधाकृष्णन के कार्यों की बात करें तो राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के पहले ही माह राज्य के सभी जिलों की यात्रा सड़क मार्ग से प्रारंभ की थी।

    आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर उनका खास जोर रहा था। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन को दुरुस्त करने की दिशा में काम किया था।

    भ्रष्टाचार के मामले में उन्होंने कार्रवाई भी की थी। इस आरोप में ही उन्होंने विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति शुकदेव भोइ को पद से हटा दिया था। हालांकि वे अपने समय में विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति नहीं कर सके थे।

    इससे पहले चार विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी द्वारा उपलब्ध कराए गए पैनल को रद कर दिया था। राधाकृष्णन ने राज्य सरकार द्वारा विधानसभा से पारित कराकर कई विधेयकों को वापस भी लौटाई थी।