HC ने हेमंत सरकार से मांगा जवाब, PESA Rules लागू नहीं करने पर मुख्य सचिव और पंचायती राज सचिव को अवमानना नोटिस
झारखंड हाई कोर्ट ने पेसा नियमावली लागू न करने पर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने मुख्य सचिव और पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर 5 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में अदालत के आदेश के बाद भी पेसा नियमावली लागू नहीं किए जाने को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने मुख्य सचिव और पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है। अदालत ने दोनों अधिकारियों को पांच अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट ने जुलाई 2024 में ही कई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए सरकार को दो माह में नियमावली बना कर पेसा एक्ट लागू करने का निर्देश दिया था।
लेकिन सरकार ने अब तक इसका पालन नहीं किया है। इसको लेकर आदिवासी बुद्धिजीवी मंच की ओर से अवमानना याचिका दाखिल की गई है।
प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य को बने 25 साल होने जा रहे हैं। आदिवासियों के हितों और उनके उत्थान के लिए राज्य का गठन किया गया था, लेकिन अब तक सरकार पेसा एक्ट की नियमावली नहीं बना सकी। जैसे- तैसे राज्य में काम हो रहा है। जबकि पेसा एक्ट 1996 में ही बना था।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि नियमावली लागू करने की प्रक्रिया जारी है। इस पर काम हो रहा है। राज्य में पंचायती राज अधिनियम और दूसरे एक्ट के माध्यम से पेसा एक्ट के प्रावधानों को लागू किया गया है। संविधान में मिले अधिकारों के तहत ही राज्य राज्य सरकार ने ऐसा किया है।
सरकार ने अदालत से समय देने की मांग की और कहा कि अगली तिथि को इसकी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसके बाद अदालत ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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