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    स्कूलों की पढ़ाई से संतुष्ठि नहीं, झारखंड के 40 प्रतिशत बच्चे लेते हैं प्राइवेट कोचिंग, सर्वे रिपोर्ट ने बताया बहुत कुछ

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 02:08 PM (IST)

    विद्यार्थियों में स्कूलों में पठन-पाठन के अलावा परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए प्राइवेट कोचिंग पर निर्भरता बढ़ी है। स्थिति यह है कि झारखंड के औसतन 39.7 प्रतिशत स्कूली विद्यार्थी स्कूल के अलावा प्राइवेट ट्यूशन या कोचिंग का सहारा लेते हैं। केंद्रीय सांख्यिकी एवं क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा कराए गए हालिया सर्वे की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।

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    झारखंड के लगभग 40 प्रतिशत स्कूली विद्यार्थी लेते हैं प्राइवेट कोचिंग।

    नीरज अम्बष्ठ, रांची । विद्यार्थियों में स्कूलों में पठन-पाठन के अलावा परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए प्राइवेट कोचिंग पर निर्भरता बढ़ी है।

    स्थिति यह है कि झारखंड के औसतन 39.7 प्रतिशत स्कूली विद्यार्थी स्कूल के अलावा प्राइवेट ट्यूशन या कोचिंग का सहारा लेते हैं।

    केंद्रीय सांख्यिकी एवं क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा कराए गए हालिया सर्वे की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।

    इसमें यह भी कहा गया है कि प्राइवेट कोचिंग पर ग्रामीण विद्यार्थियों से दोगुना से अधिक राशि शहरों के विद्यार्थी खर्च करते हैं।

    झारखंड में सर्वे में भाग लेनेवाले 42.6 प्रतिशत छात्रों तथा 36.3 प्रतिशत छात्राओं ने प्राइवेट कोचिंग का सहयोग लेने की बात कही।

    कोचिंग पर निर्भरता ग्रामीण क्षेत्रों से बहुत अधिक शहरी क्षेत्रों में है। यह सर्वे इसी वर्ष अप्रैल से जून के बीच कराया गया थ।

    रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि झारखंड में प्राइवेट कोचिंग पर प्रति विद्यार्थी पूरे वर्ष में औसतन 2,220 रुपये खर्च करते हैं। प्राइवेट कोचिंग पर यह निर्भरता छात्राओं की तुलना में छात्रों में अधिक है।

    प्राइवेट कोचिंग पर प्रति छात्र पूरे वर्ष में जहां 2,492 रुपये खर्च करते हैं, वहीं छात्राएं इस पर औसतन 1,917 रुपये खर्च करती हैं।

    झारखंड में प्राइवेट कोचिंग पर होनेवाला खर्च राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। पूरे देश की बात करें तो मौजूदा शैक्षणिक सत्र के दौरान प्राइवेट कोचिंग पर प्रति छात्र अनुमानित औसत व्यय 2,409 रुपये है।

    यह अनुमानित व्यय प्रति छात्र 2,672 रुपये तथा प्रति छात्रा 2,227 रुपये है। रिपोर्ट में यह भी तथ्य सामने आया है कि जैसे-जैसे विद्यार्थी ऊपरी कक्षाओं में जाते हैं, उनमें प्राइवेट कोचिंग पर निर्भरता बढ़ती जाती है। यह स्थिति 10वीं तक रहती है।

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    12वीं में कोचिंग करनेवाले विद्यार्थियों का प्रतिशत कम हो जाता है। पूरे देश की बात करें तो प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक 27 प्रतिशत विद्यार्थी ही कोचिंग लेते हैं। 27.8 छात्र तथा 26.0 प्रतिशत छात्राओं ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कोचिंग का सहारा लिया।

    क्या है गांवों और शहरों की स्थिति

    विद्यार्थी -             कितने प्रतिशत करते कोचिंग -       कोचिंग पर औसत खर्च (रुपये में)

    ग्रामीण झारखंड

    कुल                      36.9                                              1,794

    छात्र                      39.9                                              1,982

    छात्राएं                   33.3                                               1,579

    शहरी झारखंड

    कुल                       51.8                                              4,065

    छात्र                       42.6                                              4,842

    छात्राएं                    36.3                                              3,283

    झारखंड में किस स्तर पर कितने प्रतिशत विद्यार्थी लेते हैं कोचिंग

    (आंकड़े प्रतिशत में)

    कक्षाओं का स्तर                                                 कुल       छात्र       छात्राएं

    पूर्व प्राथमिक (कक्षा एक से पूर्व)                            14.5      15.9       12.9

    प्राथमिक (कक्षा एक से पांच)                                 32.0      32.7       30.9

    उच्च प्राथमिक (कक्षा छह से आठ)                         46.7      53.2      39.5

    माध्यमिक (कक्षा आठ से दस)                               71.9      59.1       65.8

    उच्च माध्यमिक (कक्षा 11वीं से 12वीं)                      54.1     53.5       54.8