Jharkhand Crime: नहीं- नहीं बाबा.. नार्को टेस्ट नहीं, महिला कर्मी ने जिस दोस्त को दी थी सुरक्षा की जिम्मेदारी, वही निकली चोर
गोंदा थाना क्षेत्र स्थित सीएमपीडीआइ में कार्यरत महिला क्लर्क रानी कुमारी के घर से हुए तीस लाख रुपये से अधिक के आभूषण चोरी के सनसनीखेज मामले का रांची पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस चोरी को अंजाम देने वाली कोई और नहीं बल्कि रानी कुमारी की बेहद करीबी दोस्त कविता शर्मा निकली। पुलिस ने चोरी में संलिप्त कविता शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।

प्रिंस श्रीवास्तव, रांची । गोंदा थाना क्षेत्र स्थित सीएमपीडीआइ में कार्यरत महिला क्लर्क रानी कुमारी के घर से हुए तीस लाख रुपये से अधिक के आभूषण चोरी के सनसनीखेज मामले का रांची पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस द्वारा नार्को टेस्ट की बात करते ही महिला की जुबान लड़खड़ाने लगी।
इस चोरी को अंजाम देने वाली कोई और नहीं, बल्कि रानी कुमारी की बेहद करीबी दोस्त कविता शर्मा निकली। पुलिस ने चोरी में संलिप्त कविता शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं उसके पति विकास बहादुर को हिरासत में लिया है। साथ ही तीस तोला सोना और हीरे का पूरा सेट भी बरामद कर लिया गया है। कविता शर्मा सीएमपीडीआइ में चपरासी के पद पर कार्यरत है।
जबकि विकास बहादुर हैदराबाद में एक होटल में काम करता है। छह मई को रानी कुमारी अपने पति के साथ देवघर गई थीं। घर की चाबी उन्होंने अपनी भरोसेमंद दोस्त कविता शर्मा को सौंप दी थी।
अगले ही दिन कविता ने फोन कर रानी को बताया कि घर में चोरी हो गई है। रांची लौटने पर रानी ने देखा कि घर से सभी जेवरात और कीमती सामान गायब थे। उन्होंने गोंदा थाना में केस दर्ज कराई।
आफिस में छिपा रखा था सोना, हैदराबाद भेजे थे आभूषण
जांच के दौरान पुलिस ने कविता के कार्यालय सीएमपीडीआइ के फाइनेंस डिपार्टमेंट से 22 तोला सोना और हीरे के जेवरात बरामद किए। कविता ने चोरी के जेवरात आफिस में छिपा रखे थे।
ताकि किसी को शक न हो। बाकी 8 तोला सोना उसने अपने पति को हैदराबाद भेज दिया, जिसे मुथूट फाइनेंस में गिरवी रखकर पांच लाख रुपये का लोन भी ले लिया था।
सीसीटीवी और बयान में विरोधाभास ने खोली चोरी की परतें
जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में कविता की संदिग्ध गतिविधियां कैद हो गई थीं। फुटेज में उसे चोरी के दिन रानी के घर की ओर जाते और हाथ में कुछ लिए हुए देखा गया।
पूछताछ में कविता का जवाब पुलिस को भ्रमित करने वाला था। उसने कहा कि वह कपड़ा लेने गई थी, लेकिन जिस घर का नाम उसने लिया, वहां से कोई कपड़ा नहीं लाया गया था।
इतना ही नहीं, उसने ओल्ड बोरिंग की ओर दो बार जाने और पत्ता तोड़ने की बात कही, लेकिन उस इलाके के कैमरे में उसकी कोई गतिविधि नहीं दिखी। फिर बताया कि वह एक क्वार्टर में गई थी।
लेकिन पड़ोसी ने दरवाजा नहीं खोला। जब पुलिस ने पड़ोसी से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उस समय पूरा परिवार खाना खा रहा था और कोई भी घंटी नहीं बजी थी।
रांची पुलिस ने इस मामले में सघन पूछताछ, तकनीकी जांच और गवाहों के बयान के आधार पर पूरी सच्चाई उजागर की। पुलिस ने चुराए गए सभी जेवरात और नकद राशि बरामद कर ली है।
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