ठेकेदारों-कारोबारियों से करते थे लेवी वसूली, NIA ने दो माओवादियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रांची की विशेष अदालत में दो माओवादियों जयपाल देवगम और बुदरू पदम के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की है। दोनों भाकपा माओवादी संगठन के सक्रिय सदस्य हैं जो आतंकी गतिविधियों की साजिश में शामिल थे। वे व्यापारियों से जबरन वसूली करते थे और हथियार चलाने में शामिल थे।

राज्य ब्यूरो, रांची। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत में शुक्रवार को दो माओवादियों के विरुद्ध दूसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की है। इन माओवादियों में पश्चिमी सिंहभूम जिले का जयपाल देवगम व छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का बुदरू पदम उर्फ रोहित पदम शामिल हैं।
एनआईए ने चार्जशीट में बताया है कि ये दोनों ही माओवादी प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता थे और आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने में शामिल थे। ये माओवादियों की बैठक में शामिल होते थे।
माओवादी गतिविधियों में हथियार चलाने में शामिल
माओवादियों के लिए ठेकेदाराें, व्यापारियों से जबरन वसूली करते थे। संगठन के साथियों संग आतंकी दहशत फैलाने से लेकर माओवादी गतिविधियों में हथियार चलाने में भी शामिल थे।
इन दोनों माओवादियों ने अन्य कुख्यात माओवादियों को शरण भी दी थी, ताकि आतंकी व आपराधिक साजिश को बढ़ावा दे सकें। एनआईए ने इस मामले में अभी अपनी जांच जारी रखी है।
इससे पूर्व एनआईए ने जुलाई 2025 में चार्जशीट दाखिल की थी। इससे पहले पश्चिमी सिंहभूम जिले की टोंटो थाने की पुलिस ने भी मार्च 2024 में पांच आरोपितों पर अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की थी।
10.50 लाख बरामद हुए थे
माओवादियों के 10.50 लाख रुपये नकदी व बरामदगी मामले में जांच कर रही है एनआईए
एनआईए ने यह चार्जशीट पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो थाना क्षेत्र के हुसिपी और राजाभासा गांवों के बीच जंगल से 24 मार्च 2024 को बरामद 10 लाख 50 हजार रुपये नकदी, वाकी-टाकी, टेबलेट, पावर बैंक, रेडियो सेट, लेवी बरामदी की रसीद, जिलेटिन स्टीक, नेक बैंड आदि की बरामदगी मामले में की है।
यह बरामदगी माओवादियों के सहयोगी राजेश देवगम की निशानदेही पर हुई थी। राजेश देवगम वर्ष 2023 में गिरफ्तार हुआ था। उससे पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर ही 24 मार्च 2024 को उक्त बरामदगी हुई थी। सभी रुपये व सामान प्लास्टिक के जार में रखकर जमीन के भीतर छिपाए गए थे।
इसके बाद टोंटो थाने में एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा, 25 लाख के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य अजय महतो उर्फ बुधराम, अपटन, राजेश देवगम तथा मुठभेड़ में मारे गए कांडे उर्फ दिरिसुम को आरोपित बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। टाेंटो थाने में दर्ज इस केस को एनआइए ने 29 जुलाई 2024 टेकओवर करते हुए केस को री-रजिस्टर किया था।
एनआईए ने छानबीन में हासिल की जानकारी
छानबीन के क्रम में एनआईए ने यह जानकारी हासिल की है कि माओवादी उन रुपयों को अपने नक्सली संगठन का विस्तार करने व सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी हथियार क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से रखे थे। इससे पहले सुरक्षा बलों ने उसे बरामद कर लिया था।
राजेश देवगम ने गिरफ्तारी के बाद बताया था कि उक्त रुपये एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा ने सैक सदस्य 25 लाख के इनामी अजय महतो, अपटन व कांडे को दिया था। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी राजेश देवगम को दी गई थी।
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